गिलगित बाल्टिस्तान में आंदोलन से ठप हुआ चीन और पाकिस्तान के बीच कारोबार, क्यों मचा बवाल
- पाकिस्तान में आंदोलन की वजह से चीन और पाकिस्तान के बीच का कारोबार ठप पड़ गया है। स्थानीय लोगों की मांग है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं की जाएंगी। वह अपना धरना नहीं छोड़ेंगे।
पड़ोसी पाकिस्तान की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। चीन से व्यापार करके अपनी अर्थव्यवस्था को सुधारने में लगे पाकिस्तान के लिए अब यह रास्ता भी बंद हो गया है। दरअसल, गिलगित बाल्टिस्तान में स्थानीय समस्याओं को लेकर हुंजा आवामी एक्शन कमेटी और ऑल पार्टीज ट्रेडर्स एसोसिएशन के आह्वान पर जनता ने धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। इन प्रदर्शनों के कारण हजारों ट्रक फंसे हुए हैं।
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक सरकार ने प्रदर्शनकारियों से समझौता करने और रास्ते खुलवाने का बहुत प्रयास किया लेकिन वह सफल नहीं हो पाई। गिलगित बाल्टिस्तान चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष इमरान अली ने बताया कि इस आंदोलन की वजह से माल से भरे करीब 700 ट्रक सीपैक पर फंस गए हैं, जबकि कई ट्रक बंदरगाह पर ही फंसे हुए हैं। इतना ही नहीं इसका असर देश के भीतर होने वाले परिवहन पर भी पड़ा है। देश के अंदर माल पहुंचाने का काम करने वाले पाकिस्तानी ट्रक भी हुंजा में कई जगहों पर फंसे हुए हैं।
इससे पहले तामाम प्रदर्शनकारियों ने सरकार की तरफ से रखे गए प्रस्तावों को अस्वीकार कर दिया। स्थानीय निवासियों ने अपने मुद्दों का समाधान हो जाने तक विरोध जारी रखने की घोषणा की है। जनवरी की कड़ाके की सर्दी के बावजूद सभी प्रदर्शनकारियों ने रविवार की रात अपने धरना स्थल पर ही गुजारी। रविवार को गनीश गांव में एक विरोध रैली भी निकाली गई, जिसके बाद प्रदर्शन में और लोग शामिल हुए।
हुंजा के डिप्टी कमिश्नर ने रविवार को बयान जारी कर कहा कि प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की है। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि गिलगित बाल्टिस्तान सरकार हुंजा की बिजली आपूर्ति सुधार के लिए तुरंत ही कदम उठाएगी। हालांकि प्रदर्शनकारियों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि डिप्टी कमिश्नर फर्जी वादे कर रहे हैं। ऐसे वादे पहले भी किए गए थे लेकिन कभी लागू नहीं किए गए।
व्यापारियों के सामने उठी चुनौतियों को लेकर अली ने कहा कि इस प्रदर्शन से व्यापारियों को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन सीमा पर बर्फ हटाने के लिए जिस मशीना का उपयोग किया जाना था वह भी रास्ते में फंसी हुई है। इससे सीमा को भी अभी तक बहाल नहीं किया जा सका है। इसकी वजह से वहां पर घूमने जाने वाले पर्यटक भी बीच रास्ते से वापस लौट रहे हैं।
क्या है पूरा मामला
पाकिस्तान के गिलगिट बाल्टिस्तान में बिजली आपूर्ति में भारी कमी है, जिसकी वजह से स्थानीय लोगों में आक्रोश है। डॉन से बात करते हुए गिलगिट बाल्टिस्तान के डिवीजन अधिकारी कमाल खान ने बताया कि वर्तमान में पूरे गिलगित बाल्टिस्तान में बिजली की कमी है। इसमें हुंजा कोई अपवाद नहीं है। इसका मुख्य कारण यह है कि क्षेत्र में ज्यादातर बिजली उत्पादन पानी के जरिए होता है। इसके लिए पर्याप्त जल प्रवाह की आवश्यकता होती है। लेकिन सर्दियों की वजह से यह प्रवाह कम हो जाता है, जिसकी वजह से बिजली का उत्पादन भी कम होता है। इसी वजह से गिलगिट बाल्टिस्तान में हर साल बिजली एक मुद्दा बन जाता है।
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