Hindi Newsविदेश न्यूज़Canada direct indictment trial against four Indians no preliminary hearing Nijjar murder case

निज्जर हत्याकांड के आरोपियों पर सीधे सुप्रीम कोर्ट में केस चलाएगा कनाडा, गिरफ्त में हैं 4 भारतीय; क्या मायने?

  • Nijjar murder case: सीधा अभियोग दायर होने का मतलब है कि मामले में प्रारंभिक सुनवाई नहीं होगी और मामला सीधे ट्रायल के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाएगा।

Amit Kumar लाइव हिन्दुस्तान, ओटावाSun, 24 Nov 2024 08:09 PM
share Share

खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के मामले में कनाडा सरकार ने चार भारतीय नागरिकों के खिलाफ "सीधा अभियोग" (Direct Indictment) दायर करने का फैसला लिया है। इस फैसले के कारण सुरे प्रांतीय अदालत में चल रही प्रारंभिक सुनवाई को रोक दिया गया है, और अब यह मामला सीधे सुप्रीम कोर्ट में सुना जाएगा।

द इंडियन एक्सप्रेस ने बीसी प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रवक्ता के हवाले से ये जानकारी दी। सीधा अभियोग दायर होने का मतलब है कि मामले में प्रारंभिक सुनवाई नहीं होगी और मामला सीधे ट्रायल के लिए सुप्रीम कोर्ट में जाएगा। इस प्रक्रिया में अभियुक्तों के वकीलों को अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह करने और मामले के खिलाफ साक्ष्य एकत्र करने का मौका नहीं मिलता। सीधे शब्दों में कहें तो निज्जर की कथित हत्या के आरोपियों के वकीलों को सरकारी गवाहों से जिरह करने का मौका नहीं मिल पाएगा।

क्यों लिया गया यह कदम?

कनाडा के आपराधिक संहिता के तहत, सीधा अभियोग एक विशेष अधिकार है जिसे बहुत कम मामलों में लागू किया जाता है। यह तब इस्तेमाल में लाया जाता है जब जनता के हित में ऐसा करना आवश्यक हो, जैसे कि गवाहों, उनके परिवारों, या मुखबिरों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं हों।

ये भी पढ़ें:कनाडाई एयरपोर्ट पर भारतीयों की नहीं होगी अतिरिक्त जांच; ऐलान के बाद पलटे ट्रूडो

कौन हैं आरोपी?

चारों आरोपी भारतीय नागरिक हैं। इनके नाम —करन बराड़, अमनदीप सिंह, कमलप्रीत सिंह, और करनप्रीत सिंह हैं। इनको मई 2024 में गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों पर 18 जून 2023 को ब्रिटिश कोलंबिया के सुरे में स्थित एक गुरुद्वारे के परिसर में हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करने का आरोप है। चारों अभियुक्तों पर फर्स्ट-डिग्री हत्या और हत्या की साजिश का आरोप लगाया गया है। ये पुलिस हिरासत में हैं और अब तक किसी को जमानत नहीं मिली है।

अगली सुनवाई और प्रक्रिया

पहले यह सुनवाई 21 नवंबर 2024 को सुरे प्रांतीय अदालत में होनी थी, लेकिन इसे रद्द कर दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि मुकदमा कब शुरू होने की उम्मीद है, इसके लिए कोई अस्थायी तारीख या समयसीमा नहीं है। ब्रिटिश कोलंबिया (बीसी) के सरे में एक गुरुद्वारे के परिसर में 18 जून, 2023 को निज्जर की हत्या के लिए इस साल मई में गिरफ्तार किए गए चार लोगों के खिलाफ न्यायिक कार्यवाही में कोई ठोस प्रगति नहीं हुई है। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद से मामले की सुनवाई पांच बार स्थगित की जा चुकी है। अब यह मामला 11 फरवरी 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक केस मैनेजमेंट कॉन्फ्रेंस के लिए प्रस्तुत किया जाएगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, बीसी प्रॉसिक्यूशन सर्विस के प्रवक्ता डेमिएन डार्बी ने बताया, “18 नवंबर 2024 को अभियोजन पक्ष ने सुरे प्रांतीय अदालत की फाइल को रोक दिया और अब सुप्रीम कोर्ट के माध्यम से सीधा अभियोग चलाने का फैसला किया है।” सुप्रीम कोर्ट में 18 नवंबर को हुई पहली सुनवाई में चारों अभियुक्त वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए, जबकि अमनदीप सिंह अपने वकील के माध्यम से उपस्थित रहे। अदालत ने अभियोजन पक्ष के आवेदन पर, और बचाव पक्ष की सहमति से, सुनवाई से संबंधित जानकारी के प्रकाशन पर अस्थायी प्रतिबंध लगाया है।

ट्रायल के समय पर अनिश्चितता

अधिकारियों के अनुसार, अभी तक ट्रायल की तारीख या समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। परीक्षण से पहले कई आवेदन दाखिल किए जाएंगे, लेकिन यह बताना मुश्किल है कि इस प्रक्रिया में कितना समय लगेगा। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और अन्य अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ है। भारत ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा है कि कनाडा ने इन आरोपों के समर्थन में कोई ठोस साक्ष्य पेश नहीं किया है।

गवाहों और सबूतों की स्थिति

अभियोजन पक्ष का कहना है कि चार अभियुक्तों के अलावा अभी किसी और पर आरोप नहीं लगाया गया है। हालांकि, जिन गवाहों के पास प्रासंगिक और स्वीकार्य साक्ष्य हैं, उन्हें अदालत में बुलाया जाएगा। गवाहों की सूची अभी दाखिल नहीं की गई है। प्रवक्ता ने बताया कि यह सूची आमतौर पर ट्रायल शुरू होने से पहले दायर की जाती है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, हत्या की साजिश 1 मई 2023 से 18 जून 2023 तक एडमंटन (अल्बर्टा) और सुरे (बीसी) में रची गई थी। हत्या 18 जून 2023 को सुरे में की गई थी।

क्या है डायरेक्ट इंडिक्टमेंट?

भारतीय कानून में "डायरेक्ट इंडिक्टमेंट" (Direct Indictment) जैसी कोई विशिष्ट अवधारणा नहीं है। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से कनाडा और अन्य देशों के कानूनी तंत्र में प्रचलित है, जहां अभियोजन पक्ष प्रारंभिक सुनवाई (preliminary hearing) को बायपास करते हुए सीधे मुख्य परीक्षण (trial) के लिए मामला सुप्रीम कोर्ट या उच्चतर न्यायालय में ले जाता है। कुछ हद तक ये दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) की धारा 209 से मेल खाती है। इसके तहत अगर किसी मामले में अभियुक्त पर सत्र न्यायालय में विचारणीय अपराध का आरोप है, तो निचली अदालत (मजिस्ट्रेट कोर्ट) मामले को सत्र न्यायालय में ट्रांसफर कर देती है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें