क्या है इंतिफादा, जिसकी मांग करते हुए अमेरिका में उतरे मुसलमान; यहूदियों से होने लगी झड़प
- एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गो बैक टू यूरोप, गो बैक टू यूरोप के नारे लगाते कुछ लोग दिख रहे हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं। इनमें से एक प्रदर्शनकारी माइक पर बोलता है कि 2024 का साल हमारे लिए यहूदियों के अपराधों वाला रहा है, जिसका हमने डटकर सामना किया था।
अमेरिका में नए साल 2025 का पहला दिन काफी गहमागहमी वाला रहा। एक तरफ न्यू ऑरलिन्स में संदिग्ध इस्लामिक स्टेट आतंकी शमसुद्दीन जब्बार ने भीड़ पर ट्रक चढ़ाकर 15 लोगों का कत्ल कर दिया तो वहीं न्यूयॉर्क के एक क्लब में फायरिंग की घटना भी हो गई है, जिसमें करीब एक दर्जन लोग जख्मी हैं। यही नहीं इस बीच मशहूर टाइम्स स्क्वेयर पर इजरायल विरोधी सैकड़ों लोग जमा हुए हैं और उन्होंने जमकर नारेबाजी की। इन लोगों ने मांग की कि इजरायल को जाने वाली अमेरिकी मदद तत्काल बंद होनी चाहिए। यही नहीं गाजा के पूरी तरह से मुक्त होने और इजरायल के अत्याचारों के खत्म होने तक हर साल प्रदर्शन करने की कसमें भी खाई गईं।
इसमें सबसे अहम बात यह थी कि इस प्रदर्शन में 'इंतिफादा क्रांति' को लाने के नारे भी लगाए गए। इन प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन यूथ मूवमेंट और पार्टी फॉर सोशलिज्म ऐंड लिबरेशन के बैनर तले आंदोलन किया। इन लोगों ने नारे लगाए- 'एक ही समाधान- इंतिफादा क्रांति' के नारे भी लगाए। यही नहीं इस दौरान यहूदी प्रदर्शनकारी भी वहां आ पहुंचे और दोनों के बीच झड़प के हालात बन गए। इस पर एक महिला फिलिस्तीनी आंदोलनकारी ने कहा कि आप लोगों को हम यूरोप वापस भेज देंगे।
एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें गो बैक टू यूरोप, गो बैक टू यूरोप के नारे लगाते कुछ लोग दिख रहे हैं। इनमें से ज्यादातर महिलाएं हैं। इनमें से एक प्रदर्शनकारी माइक पर बोलता है कि 2024 का साल हमारे लिए यहूदियों के अपराधों वाला रहा है, जिसका हमने डटकर सामना किया था। यही नहीं इन लोगों ने कहा कि हम हर साल और यहां तक पीढ़ी दर पीढ़ी यहां आते रहेंगे, जब तक फिलिस्तीनियों को आजादी नहीं मिल जाती और उनकी जमीन पर कब्जा वापस नहीं मिलता।
आइए जानते हैं, आखिर क्या इंतिफादा क्रांति, जिसकी प्रदर्शनकारी मांग कर रहे थे...
इंतिफादा का अर्थ आमतौर पर 'बगावत' या 'विद्रोह' मान लिया जाता है। लेकिन अरबी भाषा में इसका अर्थ 'उथलपुथल' या फिर किसी से 'छुटकारा पाना' होता है। इस शब्द का बहुतायत में प्रयोग फिलिस्तीन के आतंकी संगठन हमास और इजरायल के बीच संघर्ष में किया जाता रहा है। वहीं से यह इस शब्द का प्रचलन जम्मू-कश्मीर में भारत विरोधी शक्तियों ने प्रारंभ किया। इंतिफादा शब्द का पहली बार प्रचलित तौर पर प्रयोग दिसंबर 1987 में प्रारंभ हुआ था। तब बड़ी संख्या में फिलिस्तीनियों ने पश्चिमी बैंक और गाजा में इजरायल की सेना की मौजूदगी का विरोध किया था। यह इंतिफादा वहां तब शुरू हुआ था, जब एक यहूदी चालक की कार की टक्कर से 4 फिलिस्तीनी मार गए थे। इसके बाद प्रदर्शन शुरू हुए और फिलिस्तीनियों का कहना था कि यह हादसा नहीं बल्कि हमला था। यह आंदोलन तेजी से प्रसारित हुआ और 1993 तक चला। इसके बाद 2000 में शुरू हुआ इंतिफादा पहले कहीं ज्यादा खूनी था और चार साल तक चला।
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