मुस्लिम मुल्क ने किया ऐसा तिकड़म, हिन्दुस्तानियों को छूट रहे पसीने; 62% बढ़े वीजा रिजेक्शन के मामले
अब ऐसी व्यवस्था की गई है कि जो अधिक खर्च करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें ही दुबई यात्रा के लिए वीजा जारी किया जा सके। इसके अतिरिक्त, वीजा नियमों में बदलाव का उद्देश्य अवैध रूप से रहने वाले व्यक्तियों पर नकेल कसना भी है।
भारतीयों के लिए दुबई शहर काफी पसंदीदा टूरिस्ट स्पॉट रहा है। इसके अलावा बड़ी संख्या में लोग वहां नौकरी करने के लिए भी जाते रहे हैं लेकिन संयुक्त अरब अमीरात के नए वीजा नियमों ने भारतीयों के सपनों पर पानी फेर दिया है और बड़ी संख्या में दुबई जाने वालों का वीजा आवेदन रद्द हो रहा है। वीज प्रोसेसिंग प्लेटफ़ॉर्म एटलिस ने कहा कि यूएई द्वारा सख्त वीजा नियम लागू किए जाने के बाद दुबई के लिए वीजा रिजेक्शन के मामलों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। एटलिस के मुताबिक वीजा रिजेक्शन के मामले 62 फीसदी तक बढ़ गए हैं। इससे हिन्दुस्तानी पर्यटकों और कामगारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
एटलिस ने कहा है कि धोखाधड़ी वाले आवेदनों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से संयुक्त अरब अमीरात द्वारा बनाए गए नियमों ने भारत से आने वाले यात्रियों को बुर तरह से प्रभावित किया है। नए नियमों की वजह से कड़ी दस्तावेजी और वित्तीय जांच हो रही है। इससे वीजा आवेदनों को खारिज किए जाने के मामले में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बता दें कि पहले करीब 99 फीसदी वीजा आवेदन स्वीकार कर लिए जाते थे लेकिन अब हालात बदल गए हैं।
यूएई ने यह बदलाव अप्रवासियों और मजदूरों की बढ़ती संख्या के कारण किया है। दुबई में भीड़भाड़ बढ़ गई थी क्योंकि नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में लोग वहां पहुंच रहे थे। इससे निपटने के लिए संयुक्त अरब अमीरात ने वीजा नियनमों में बदलाव किया है। अब ऐसी व्यवस्था की गई है कि जो अधिक खर्च करने की क्षमता रखते हैं, उन्हें ही दुबई यात्रा के लिए वीजा जारी किया जा सके। इसके अतिरिक्त, वीजा नियमों में बदलाव का उद्देश्य दुबई में अवैध रूप से रहने वाले व्यक्तियों पर नकेल कसना भी है। इसके साथ ही बेहतर संतुलन सुनिश्चित करना और प्रीमियम पर्यटन स्थल के रूप में शहर की अपील को बनाए रखना भी मकसद है।
एटलिस की रिपर्ट में भी कहा गया है कि वीजा जारी करने के समय में भी देरी की जा रही है। अब आवेदनों को पूर्व-विनियमन अवधि की तुलना में प्रोसेस होने में 1.5 से 2.7 दिन अधिक लग रहे हैं। यह देरी आवेदनों की बढ़ती संख्या और यूएई अधिकारियों द्वारा अतिरिक्त दस्तावेज के गहन सत्यापन की वजह से हो रही है। नए नियम लागू होने के बाद से, हर 100 आवेदनों में से कम से कम 5-6 आवेदन प्रतिदिन खारिज किए जा रहे हैं, जबकि पहले यह संख्या केवल 1-2% थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि वीजा के लिए प्राप्त सभी आवेदनों में से 71% अधूरे या गलत दस्तावेज के कारण खारिज किए गए हैं। आम मुद्दों में नए स्थिरता मानदंडों को पूरा करने में विफलता, अस्पष्ट पासपोर्ट फोटो, बेमेल फोटो और वास्तविक वापसी उड़ानों या होटल बुकिंग का सबूत नहीं होने की वजह से भी वीजा आवेदन रद्द किए जा रहे हैं।
एटलिस ने कहा कि उसने यूएई के वीजा प्रतिबंधों की शुरूआत के बाद यात्रा पैटर्न में 48% बदलाव देखा है। रिपोर्टमें कहा गया है कि अब ज्यादा यात्री खाड़ी क्षेत्र में वैकल्पिक गंतव्यों की तलाश कर रहे हैं। सऊदी अरब, कतर जैसे गंतव्यों में यात्रियों की रुचि बढ़ी है क्योंकि दुबई के लिए सख्त वीजा नियमों के कारण यात्री अधिक सुलभ विकल्पों की तलाश कर रहे हैं। अपडेट की गई नीति के हिस्से के रूप में, यात्रियों को होटल बुकिंग, फ्लाइट टिकट और वित्तीय स्थिरता के प्रमाण सहित सत्यापित दस्तावेज अपलोड करने होंगे। आवेदकों को अपने पिछले तीन महीनों के बैंक स्टेटमेंट भी जमा करने होंगे, जिसमें न्यूनतम बैलेंस 50,000 रुपये होना चाहिए। इसे यूएई में प्रवेश करते समय दिखाना होगा। होटलों में ठहरने का विकल्प चुनने वालों के लिए पैन कार्ड का विवरण देना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
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