Hindi Newsविदेश न्यूज़Amid life threat Chinmay Krishna Das advocate says will continue to fight for Hindus in Bangladesh

भले ही मौत आ जाए… बांग्लादेश में हिन्दुओं की लड़ाई जारी रखूंगा, धमकियों के बीच चिन्मय दास के वकील

बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के 74 वर्षीय वकील ने टेलीफोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मुझे पता है कि मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा सकते हैं, लेकिन इससे मैं रुकूंगा नहीं।

Pramod Praveen भाषा, कोलकाताMon, 16 Dec 2024 10:10 PM
share Share
Follow Us on

बांग्लादेश के एक प्रमुख वकील रवींद्र घोष ने सोमवार को दावा किया कि जब से उन्होंने जेल में बंद हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व करने का निर्णय लिया है, तब से उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। हालांकि, उन्होंने संकल्प जताया कि वह न्याय और अल्पसंख्यक अधिकारों के लिए अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार दास को इसलिए निशाना बना रही है, क्योंकि वह हिंदुओं पर अत्याचार के खिलाफ मुखर रहे हैं और उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदाय को एकजुट कर रहे हैं।

बांग्लादेश के उच्चतम न्यायालय के 74 वर्षीय वकील ने टेलीफोन पर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘मुझे पता है कि मेरे खिलाफ झूठे मामले दर्ज किए जा सकते हैं, लेकिन इससे मैं रुकूंगा नहीं। मैंने जीवन भर अन्याय के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। मैंने मुसलमानों के लिए भी मुकदमे लड़े हैं और उन्हें न्याय दिलाने में मदद की है। मौत तो एक दिन आएगी ही, लेकिन मैं लड़ाई जारी रखूंगा।’’

घोष ने 1971 के बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में हिंदू अल्पसंख्यकों द्वारा निभाई गई भूमिका पर प्रकाश डालते हुए दुख जताया कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ जारी अत्याचार इस लड़ाई के ‘‘मूल सिद्धांतों’’ के उलट है, जो पश्चिमी पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) के नागरिकों के साथ असमान व्यवहार को समाप्त करने के लिए लड़ी गयी थी।

ये भी पढ़ें:जब 93,000 पाक सैनिकों ने टेके घुटने, हुआ सबसे बड़ा सरेंडर; बांग्लादेश की कहानी
ये भी पढ़ें:बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाओ; दादी के किस्से बता प्रियंका ने मोदी सरकार को घेरा
ये भी पढ़ें:बांग्लादेश में कब आएगी चुनी हुई सरकार, विजय दिवस पर मोहम्मद यूनुस ने बताया प्लान
ये भी पढ़ें:बांग्लादेश से तनाव के बीच भी कायम रही परंपरा, विजय दिवस पर भारत आए मुक्ति योद्धा

इलाज के लिए कोलकाता के निकट बैरकपुर आए घोष ने कहा, ‘‘जिस दिन से मैंने घोषणा की है कि मैं चिन्मय कृष्ण दास के लिए मुकदमा लड़ूंगा, मुझे जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुझे नियमित रूप से धमकी भरे कॉल और संदेश आ रहे हैं, लेकिन यह मुझे अपना कर्तव्य निभाने से नहीं रोक पाएगा। मैं दास और अन्य हिंदुओं के साथ हुए अन्याय के खिलाफ लड़ाई जारी रखूंगा।’’

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें