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Hindi Newsविदेश न्यूज़America said Quad is stronger than ever ahead Quad leaders Summit 2024

अमेरिका ने क्वॉड को बताया पहले से ज्यादा मजबूत और प्रासंगिक, 21 सितंबर को होगी बैठक

  • अमेरिका ने कहा है कि क्वाड रणनीतिक रूप से पहले से कहीं ज्यादा एकजुट और प्रासंगिक हुआ है। 21 सितंबर को अमेरिका में क्वाड शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा।

Jagriti Kumari लाइव हिन्दुस्तान, वॉशिंगटनThu, 19 Sep 2024 07:06 AM
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अमेरिका के डेलावेयर में 21 सितंबर 2024 को क्वाड लीडर्स समित का आयोजन होना है। इससे पहले अमेरिका ने बुधवार को कहा है कि आगामी क्वाड शिखर सम्मेलन यह दर्शाएगा कि चार देशों का यह समूह रणनीतिक रूप से पहले से कहीं ज्यादा एकजुट और प्रासंगिक हो गया है। गौरतलब है कि क्वाड चार देश ऑस्ट्रेलिया, जापान, भारत और अमेरिका का एक समूह है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 2020 में डिजिटल माध्यम से शिखर सम्मेलन का नेतृत्व किया था। तब से क्वाड में शामिल देश बारी-बारी से हर साल शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी 21 सितंबर से अमेरिका के आधिकारिक दौरे के लिए 3 दिनों के लिए अमेरिका में रहेंगे। इस दौरान वह वार्षिक क्वाड शिखर सम्मेलन में शामिल होंगें। इसके बाद पीएम मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा में ‘भविष्य के शिखर सम्मेलन’ को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी इस यात्रा के दौरान न्यूयॉर्क में 22 सितंबर को भारतीय समुदाय के लोगों को भी संबोधित करेंगे। इस साल भारत को क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करनी थी लेकिन अमेरिका के अनुरोध पर भारत अब अगले साल इसकी मेजबानी करेगा।

व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के रणनीतिक संचार निदेशक जॉन किर्बी ने बुधवार को वाशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘‘हमारा मानना ​​है कि इस शिखर सम्मेलन में आप यह देखेंगे कि क्वाड पहले की तुलना में रणनीतिक रूप से और अधिक एकजुट और प्रासंगिक हुआ है।’’ किर्बी ने बताया कि ऐसा पहली बार होगा जब अमेरिका के राष्ट्रपति अपने होमटाउन विलमिंगटन में क्वाड शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेंगे।

किर्बी ने कहा कि जो बाइडेन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज से अलग-अलग मुलाकात करेंगे। इसके बाद बाइडेन एक सामूहिक बैठक में भी उनसे चर्चा करेंगे। किर्बी ने कहा कि पिछले तीन सालों से अधिक समय से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में साझेदारियों को और मजबूत करने के उद्देश्य से वहां निवेश करना अमेरिका की प्राथमिकता रही है।

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