कौन बनेगा हिमाचल का मुख्यमंत्री? प्रतिभा सिंह रेस से बाहर, इन 3 नामों पर होगा मंथन
हिमाचल प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री को चुनना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी को रेस से बाहर बताया जा रहा है, जिनकी अगुआई में कांग्रेस हिमाचल में चुनाव लड़ी।
हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सरकार बनाने के लिए तैयार है। शुक्रवार को विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया कि कांग्रेस आलाकमान किसी एक नाम पर फैसला लेगा। पहाड़ी राज्य की कमान संभालने के लिए ये तीन नाम आगे रेस में हैं। हिमाचल कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू, सीपीएल नेता मुकेश अग्निहोत्री और राजिंदर राणा इस दौड़ में शामिल हैं। सूत्रों ने इसकी जानकारी दी है।
हिमाचल प्रदेश के लिए मुख्यमंत्री को चुनना कांग्रेस के लिए आसान नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह को रेस से बाहर बताया जा रहा है, जिनकी अगुआई में कांग्रेस हिमाचल में चुनाव लड़ी। हिमाचल कांग्रेस अध्यक्ष के समर्थकों ने उनके समर्थन में नारेबाजी भी की थी। प्रतिभा सिंह के समर्थक बड़ी संख्या में कांग्रेस के शिमला मुख्यालय के बाहर जमा हो गए और उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाने की मांग करने लगे।
दो-दो उपचुनाव का जोखिम नहीं ले सकती है कांग्रेस
कांग्रेस आलाकमान के करीबी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री पद की दौड़ में केवल तीन नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुकेश अग्निहोत्री और राजिंदर राणा हैं। मुख्यमंत्री विधायकों में से ही होगा। सूत्रों का कहना है कि आलाकमान को लगता है कि अगर प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री बनाया जाता है तो दो उपचुनाव कराने होंगे। एक लोकसभा का और दूसरा विधान सभा का। सूत्रों ने आगे कहा कि प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट में उच्च पद दिया जा सकता है।
मंडी में उपचुनाव नहीं होगा आसान
ऐसा इसलिए भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस मंडी की 10 में से 9 सीटों पर हार गई है। ऐसे में तुरंत उपचुनाव कराना उचित नहीं होगा। कहीं न कहीं चुनाव जीतकर जो माहौल बनाया गया है वह बिगड़ सकता है। उनके बेटे विक्रमादित्य सिंह को कैबिनेट में एक उच्च पद देकर प्रतिभा सिंह को मनाया जा सकता है।
आलाकमान के करीबी सूत्रों ने प्रतिभा सिंह के 25 विधायकों के समर्थन के दावे को भी खारिज कर दिया। उनके मुताबिक, व्यक्तिगत रूप से सुक्खू के साथ और भी विधायक हैं।
इससे पहले शुक्रवार को हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों ने मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया और दिल्ली में सीएम के नाम पर अंतिम मुहर लगेगी। एआईसीसी के राज्य प्रभारी राजीव शुक्ला ने यहां संवाददाता सम्मेलन में इस फैसले की घोषणा की।
विभाजन की खबरें अफवाह: राजीव शुक्ला
राजीव शुक्ला ने कहा, "सभी 40 विधायकों ने आज कांग्रेस विधायक दल की बैठक में हिस्सा लिया और सभी ने सर्वसम्मति से राज्य के मुख्यमंत्री के चयन का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ने का प्रस्ताव पारित किया।" उन्होंने कहा, "मीडिया की खबरें हैं कि पार्टी के अंदर विभाजन है, यह बिल्कुल गलत है।"
शुक्ला ने कहा कि किसी विधायक ने कोई नाम नहीं सुझाया। उन्होंने कहा, "सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया कि मुख्यमंत्री चुनने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ा जाए। हम अपनी रिपोर्ट कल पार्टी आलाकमान को सौंपेंगे।"
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