प्रतिभा सिंह पर कैसे भारी पड़ गए सुखविंदर सिंह सुक्खू, मुख्यमंत्री बना कांग्रेस ने दे दिया क्लियर मैसेज
Sukhwinder Singh Sukhu Himachal CM: यदि सुक्खू को नजरअंदाज करके प्रतिभा सिंह या किसी और को कमान सौंपी जाती, तो सुक्खू के समर्थक विधायक समय-समय पर पार्टी के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकते थे।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने के बाद शनिवार को कांग्रेस ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को नया मुख्यमंत्री बनाने का ऐलान किया। साथ ही, मुकेश अग्निहोत्री राज्य के नए डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। रविवार सुबह शपथग्रहण समारोह का आयोजन किया जाएगा। आठ दिसंबर को आए नतीजों के बाद से ही मुख्यमंत्री पद को लेकर कई नाम चर्चा में आ गए थे। पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और मंडी से लोकसभा सांसद प्रतिभा सिंह ने कई बयान देकर इशारा किया था कि वह भी राज्य की मुख्यमंत्री बनने की रेस में हैं, लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने उनकी जगह सुक्खू को नया मुख्यमंत्री बनाकर क्लियर मैसेज दे दिया है।
सुक्खू को सीएम बना दे दिया मैसेज
जानकार मानते हैं कि कांग्रेस ने यह साफ कर दिया है कि मुख्यमंत्री उसी को बनाया जाएगा, जिसके पास विधायकों का समर्थन होगा। मालूम हो कि पार्टी के 40 विधायकों में से 25 से ज्यादा का समर्थन सुखविंदर सिंह सुक्खू को हासिल था। दूसरी ओर, वीरभद्र सिंह की विरासत के बावजूद प्रतिभा सिंह को ज्यादा समर्थन नहीं मिला। कांग्रेस आलाकमान ने सुखविंदर को कमान देकर भविष्य में किसी भी तरह के विद्रोह को भी काफी कम कर दिया है। यदि सुक्खू को नजरअंदाज करके प्रतिभा सिंह या किसी और को कमान सौंपी जाती, तो सुक्खू के समर्थक विधायक समय-समय पर पार्टी के लिए परेशानी भी खड़ी कर सकते थे। वहीं, कई ऐसी वजहें हैं, जिसकी वजह से सुखविंदर सुक्खू दिग्गज नेता प्रतिभा सिंह पर भारी पड़ गए और बाजी जीत गए।
इस वजह से प्रतिभा सिंह पर भारी पड़े सुक्खू?
कांग्रेस पर बीजेपी परिवारवाद का आरोप लगाती रही है। पीएम मोदी खुद गांधी परिवार को सीधे निशाने पर लेकर परिवारवाद के खिलाफ बोलते हैं। इस वजह से यदि हिमाचल में वीरभद्र के बाद उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह या फिर बेटे विक्रमादित्य को कमान सौंप दी जाती, तो बीजेपी को कांग्रेस पर परिवारवाद को लेकर हमला बोलने का एक और मौका मिल जाता। नए मुख्यमंत्री को चुनते समय कांग्रेस आलाकमान के दिगाम में यह बात भी निश्चित आई होगी। मालूम हो कि सालों से परिवारवाद पर हमला बोले जाने की वजह से ही कांग्रेस ने इस बार मल्लिकार्जुन खड़गे के रूप में गैर-गांधी अध्यक्ष भी चुना है। अब हिमाचल में सुक्खू को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी भविष्य में लगने वाले किसी भी परिवारवाद के संभावित आरोपों से भी बच गई है।
राहुल गांधी के करीबी हैं सुक्खू
हिमाचल प्रदेश के नए मुख्यमंत्री को चुने जाने में भी राहुल गांधी का इम्पैक्ट देखा गया है। सुखविंदर सिंह सुक्खू को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। वह हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। इसके अलावा, उनकी प्रियंका गांधी के भी करीबी नेताओं में गिनती होती है। चुनावी प्रचार के दौरान सुक्खू ने प्रियंका गांधी की कई रैलियों में भी भाग लिया था और जोरदार तरीके से चुनाव प्रचार किया।
हमीरपुर जिले से आने का मिला लाभ
सुखविंदर सिंह हमीरपुर जिले से आते हैं। हमीरपुर लोकसभा सीट से जहां बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर सांसद हैं। वहीं, उनके पिता और पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल भी यहीं से सांसद रह चुके हैं। इसी हमीरपुर जिले की सभी पांचों विधानसभा सीटें कांग्रेस के पक्ष में गई हैं। हमीरपुर के नादौन से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को राज्य का मुख्यमंत्री बनाकर कांग्रेस ने बड़ा दांव खेलने की कोशिश की है। पार्टी ने अनुराग ठाकुर के खिलाफ सुक्खू को खड़ा कर दिया है, जिसका फायदा आने वाले लोकसभा चुनाव में मिल सकता है। सुक्खू पर अगले लोकसभा चुनाव में हमीरपुर की सीट से कांग्रेस उम्मीदवार को जितवाने की भी जिम्मेदारी होगी।
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