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हिमाचल में भाजपा ने शुरू किया गेम, निर्दलियों से संपर्क, विनोद तावड़े को शिमला भेजा; कांग्रेस भी सतर्क

हिमाचल में गेम हो सकता है। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस के पास फिलहाल 34 सीटें ही हैं। इस बीच भाजपा ने निर्दलियों से संपर्क साधा है।

Surya Prakash लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाThu, 8 Dec 2022 11:21 AM
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Himachal Election Result: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में बीते कुछ दशकों से हार और जीत का अंतर आमतौर पर 10 सीटों के आसपास ही रहता है। अकेले 2017 के चुनाव में ही भाजपा ने 44 सीटों के साथ बड़ी जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस को 21 पर संतोष करना पड़ा था। लेकिन इस बार तस्वीर एकदम उलट है। मैच फंस गया है और चुनाव आयोग के डेटा के मुताबिक कांग्रेस 34 सीटों पर आगे हैं और भाजपा 30 पर अटकी है। यदि ऐसा ही ट्रेंड बना रहा तो सरकार बनाने के लिए हिमाचल में गेम हो सकता है। इसकी वजह यह है कि प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 35 सीटों की जरूरत है, जबकि कांग्रेस के पास फिलहाल 34 सीटें ही हैं। 

यही वजह है कि भाजपा पहले से ही सक्रिय हो गई है। पार्टी ने वरिष्ठ नेता विनोद तावड़े को हिमाचल प्रदेश भेजा है। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने 4 निर्दलीय उम्मीदवारों से संपर्क साधा है, जिनमें से तीन भाजपा के ही बागी थे। सरकार बनाने के लिए जादुई आंकड़ा 35 है और भाजपा यदि एकाध सीट पीछे रहती है तो वह निर्दलीय उम्मीदवारों के भरोसे सरकार बनाने की कोशिश कर सकती है। एक तरफ भाजपा निर्दलीय विधायकों से संपर्क में है तो वहीं कांग्रेस डिफेंसिव मोड में दिख रही है। राजीव शुक्ला शिमला में हैं और भूपिंदर सिंह हुड्डा एवं भूपेश बघेल भी सक्रिय हैं। 

कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पार्टी विधायकों को अपने पाले में बनाए रखने की जद्दोजहद कर रही है। कहा जा रहा है कि कांग्रेस अपने विधायकों को किसी संघर्ष की स्थिति में चंडीगढ़ में शिफ्ट कर सकती है। हिमाचल में सरकार बनाने का जुगाड़ करने के बाद ही वह विधायकों को शिमला का रिटर्न टिकट देगी। यदि भाजपा अपने ही दम पर सरकार बना लेती है तो फिर ऐसा करने की जरूरत नहीं होगी। लेकिन कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम, अग्निपथ योजना जैसे मुद्दों से हलचल दिखी थी। हिमाचल में सरकारी कर्मचारियों को बहुत बड़ा वर्ग है और इन मुद्दों पर उसने वोट डाला था। यही वजह है कि भाजपा उतनी सीटें जीतती नहीं दिख रही, जितना उसका दावा था। 

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