Notification Icon
Hindi Newsहिमाचल प्रदेश न्यूज़Himachal pradesh government decision on Himcare scheme new plan

हिमाचल की सुक्खू सरकार का ऐलान, नहीं बंद होगी हिमकेयर योजना; बताया नया प्लान

हिमाचल प्रदेश सरकार ने गुरुवार को हिमकेयर योजना को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सरकार के मुताबिक यह योजना बंद नहीं की जा रही है बल्कि इसमें कुछ सुधार के साथ बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

Mohammad Azam लाइव हिन्दुस्तान, शिमलाThu, 8 Aug 2024 11:00 AM
share Share

पूर्व की भाजपा सरकार में शुरू की गई हिमकेयर योजना को सुक्खू सरकार बंद नहीं करेगी। राज्य सरकार निजी अस्पतालों में योजना को बंद कर चुकी है। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को बाहर कर दिया गया है। प्रदेश सरकार ने इस योजना को लेकर अपना रूख साफ किया है। आइये जानते हैं पूरा मामला।

राज्य के उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा है कि हिमकेयर योजना को बंद करने की प्रदेश सरकार की कोई मंशा नहीं है। इस योजना की कुछ कमियों को दूर कर इसे और अधिक सुदृढ़ बनाया जाएगा ताकि अधिक से अधिक जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ मिल सके। मुकेश अग्निहोत्री गुरूवार को हिमकेयर कार्ड और आयुष्मान भारत कार्ड के संबंध में गठित मंत्रिमंडलीय उप-समिति की पहली बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

बैठक में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और आयुष मंत्री यादविंद्र गोमा बतौर सदस्य मौजूद थे। मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष अफवाह फैला रहा है कि प्रदेश सरकार ने हिमकेयर योजना को बंद कर दिया है, जो सरासर गलत है। सच्चाई यह है कि राज्य सरकार ने कुछ अनियमितताएं पाए जाने के बाद केवल निजी अस्पतालों को इस योजना के दायरे से बाहर करने का निर्णय लिया है।

उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में लोगों को सरकारी अस्पतालों में हिमकेयर कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधा जारी रहेगी। हिमकेयर कार्ड से स्वास्थ्य लाभ लेने पर सरकार द्वारा हर स्तर पर निगरानी रखी जाएगी। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां मेडिकल बिल और उपचार की लागत में बहुत ज्यादा अंतर पाया गया है। प्रदेश सरकार द्वारा अभी निजी अस्पतालों को 150 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाना है जबकि सरकारी अस्पतालों को 307 करोड़ की अदायगी की जाएगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार इस योजना के अंतर्गत कुल 457 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा सीमा निर्धारित करने के कारण प्रदेश में आयुष्मान भारत कार्ड का लाभ लेने वाले पांच लाख 32 हजार परिवार ही पंजीकृत हैं, जबकि प्रदेश में ऐसे 14 लाख 83 हजार परिवार हैं, जिन्हें आयुष्मान भारत योजना में पंजीकृत किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार आयुष्मान भारत योजना को प्रदेश में संचालित करने के लिए हर वर्ष केवल 50 करोड़ रुपये ही प्रदान करती है। इस वित्त वर्ष के शुरुआती छह माह में ही यह 50 करोड़ रुपये की राशि व्यय की जा चुकी है। शेष बचे महीनों में आयुष्मान के तहत सभी देनदारियों का भुगतान प्रदेश सरकार को करना होगा, जिसकी अनुमानित लागत 100 करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने बताया कि आयुष्मान से जुड़े व्यय के संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से बातचीत की जाएगी।

भाजपा शासन में लागू हुई थी हिमकेयर योजना, ईडी ने की छापेमारी
बता दें कि हिमकेयर योजना पूर्व भाजपा शासन में वर्ष 2018-19 में शुरू हुई थी। इसके तहत लोगों को सरकारी अस्पतालों के साथ संबद्व निजी अस्पतालों में उपचाराधीन होने पर पांच लाख रूपये तक का कैशलैस उपचार की सुविधा दी गई है। पिछले दिनों ईडी ने निजी अस्पतालों में दबिश देकर अहम रिकार्ड कब्जे में किया था। ईडी की जांच में निजी अस्पतालों में आयुष्मान व हिमकेयर को लेकर फर्जीबाड़ा सामने आया था। इसके बाद राज्य सरकार ने निजी अस्पतालों में हिमकेयर योजना को बंद करने का निर्णय लिया। साथ ही सरकारी कर्मचारियों व पैंशनरों को भी इस योजना से बाहर कर दिया गया है। 

रिपोर्ट : यूके शर्मा

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें