हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की जीत का इन चार चेहरों पर था दारोमदार, 2 महिलाओं की भूमिका रही अपार
2017 के चुनावों में कांग्रेस को 21 सीटें आई थीं। यानी पांच साल में कांग्रेस ने 1% ज्यादा वोट हासिल कर करीब 60% ज्यादा सीटें अपनी झोली में डाल ली है। पार्टी ने 2 महिलाओं समेत 4 बड़े चेहरों को तरजीह दी
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पांच साल बाद सत्ता में वापसी की है। इसके साथ ही 1990 से चली आ रही सियासी परंपरा फिर कायम रही। कांग्रेस ने 68 सदस्यों वाली विधानसभा में पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। अब तक के ताजा परिणामों और रुझानों के मुताबिक कांग्रेस को 40 सीटें मिली हैं, जबकि बीजेपी को 25 सीटों पर संतोष करना पड़ा है।
2017 के चुनावों में कांग्रेस को 21 सीटें आई थीं। यानी पांच साल में कांग्रेस ने एक फीसदी ज्यादा वोट हासिल कर करीब 60 फीसदी ज्यादा सीटें अपनी झोली में डाल ली है। कांग्रेस को इस बात का भरोसा था और इसीलिए पार्टी ने दो महिलाओं समेत चार बड़े चेहरों के कंधों पर इसकी जिम्मेदारी सौंपी थी।
प्रियंका गांधी :
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिमाचल प्रदेश चुनावों में खूब मेहनत की। उन्होंने 12 अक्टूबर को ही राज्य में प्रचार-प्रसार का मोर्चा संभाल लिया था। प्रियंका ने सोलन, मंडी, सिरमौर, कांगड़ा और ऊना में कई रोड शो और रैलियां कीं लेकिन मुख्य जोर कांगड़ा क्षेत्र पर रहा, जहां 15 में से 10 सीटों पर कांग्रेस ने शानदार जीत दर्ज की है।
प्रियंका अक्सर चुनावी रैलियों में अपनी दादी इंदिरा गांधी का किस्सा सुनाती थीं और हिमाचल प्रदेश से अपने परिवार का रिश्ता बताती थीं। इससे पहाड़ी राज्य के लोगों ने अपने को कांग्रेस से कनेक्ट करने में सहूलियत महसूस की, जिसका फायदा चुनावों में दिखा। प्रियंका इसके अलावा पुरानी पेंशन व्यवस्था और अग्निवीर भर्ती योजना पर भी लोगों का समर्थन पाने में कामयाब रही हैं।
प्रतिभा सिंह:
प्रतिभा सिंह दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी हैं और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह मंडी लोकसभा से कांग्रेस की सांसद भी हैं। 2021 में उन्होंने उप चुनाव में वहां से जीत दर्ज की थी। प्रतिभा के पति वीरभद्र सिंह राज्य के छह बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं। टिकट बंटवारे में भी प्रतिभा सिंह की खूब चली थी। उनके 35 समर्थकों को पार्टी ने टिकट दिया था।
सचिन पायलट:
राजस्थान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट हिमाचल चुनावों में जीत की रणनीति बनाने वालों में अहम रहे हैं। पार्टी ने उन्हें स्टार प्रचारक बनाकर उतारा था। पायलट ने मंडी, कांगड़ा और शिमला में धुआंधार प्रचार किया। पायलट ने अपनी हर जनसभा में बीजेपी की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधा और बेरोजगारी, महंगाई, ओल्ड पेंशन समेत तमाम मुद्दों को उठाया।
पायलट ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और पंजाब के कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा के साथ आक्रामक चुनावी रणनीति बनाई और बीजेपी के बड़े नेताओं खासकर जेपी नड्डा के गढ़ में बीजेपी के खिलाफ मजबूत किलेबंदी की।
सुखविंदर सिंह सुक्खू:
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू राज्य में कांग्रेस की प्रचार समिति के अध्यक्ष थे। वीरभद्र सिंह परिवार से उनका हमेशा टकराव होता रहा रहा है लेकिन पार्टी संगठन में उनकी मजबूत पकड़ रही है। यही वजह है कि पार्टी ने उनके 17 करीबियों को टिकट देकर राज्य में सत्ता संतुलन को बनाए रखा। प्रतिभा सिंह के बाद पार्टी में वह दूसरे ऐसे नेता हैं, जिनके सबसे ज्यादा करीबियों को टिकट मिले हैं। सुखविंदर सिंह को पार्टी ने उन इलाकों में बीजेपी के खिलाफ किलेबंदी उतारने को उतारा, जहां पार्टी कमजोर थी। मसलन, मैदानी इलाकों में इन नेताओं ने कांग्रेस की राह आसान की है।
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