हिमाचल में BJP की हार पर बोले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, करेंगे मंथन, कांग्रेस में सीएम बनने की होड़
Himachal Election: भाजपा को सूबे में मिली शिकस्त पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि उनकी पार्टी हार की वजहों पर मंथन करेगी। कांग्रेस में सीएम बनने की होड़ है शायद इसलिए ही उसके नेता डरे हुए हैं।
हिमाचल प्रदेश की जनता ने हर चुनावों में सरकारें बदलने का रिवाज कायम रखा है। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की मतगणना के रुझानों में मुख्य विपक्षी कांग्रेस को स्पष्ट बढ़त मिल रही है। इस बीच भाजपा को सूबे में मिली शिकस्त पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि वह राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने जा रहे हैं। भाजपा हार की वजहों पर मंथन करेगी। मैं इस जनादेश का सम्मान करता हूं। हिमाचल की जनता ने मुझे जो प्यार दिया उसके लिए आभारी हूं।
जोड़ तोड़ करके सरकार बनाने की अटकलों और कांग्रेस के उस बयान पर कि भाजपा सूबे में कुछ भी कर सकती है। जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस के भीतर सीएम बनने की होड़ है। शायद यही वजह है कि उसके नेता डरे हुए हैं। बीते पांच वर्षों के दौरान मुझ पर विश्वास जताने के लिए पीएम और अन्य केंद्रीय नेतृत्व को धन्यवाद देना चाहता हूं। हम राजनीति से इतर राज्य के विकास के लिए समर्पित रहेंगे। हमसे कहां चूक हुई। हम अपनी हार का विश्लेषण करेंगे। हम आगे तैयारियों को जारी रखेंगे।
विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंकाओं पर कांग्रेस नेताओं के बयानों के बीच उन्होंने सबसे पुरानी पार्टी पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं। अब उनकी रक्षा करना कांग्रेस का ही काम है। कांग्रेस के विधायकों को दूसरे स्थान पर ले जाए जाने की खबरों पर ठाकुर ने कहा कि पता नहीं उन्होंने क्या मजाक बना रखा है। विधायक जो चुनकर आए हैं। ऐसी परिस्थितियों में इस तरह की बातें करने का कोई तुक नहीं है।
सूबे में पार्टी की हार के क्या कारण रहे इस सवाल पर जयराम ठाकुर ने कहा कि हम तुरंत किसी निष्कर्ष पर नहीं जाएंगे। हम सभी साथियों से इस पर चर्चा करेंगे। हमारा लक्ष्य सूबे का विकास है और यह जारी रहना चाहिए। उम्मीद है कि वो (कांग्रेस के लोग) विकास कार्यों को जारी रखेंगे। हम लोगों की समस्याओं और मुद्दों को उठाते रहेंगे। ऐसी बातें हैं कि कांग्रेस के भीतर ही मुख्यमंत्री बनने की होड़ मची हुई है। ऐसा लग रहा है कि उन्हीं लोगों को सबसे ज्यादा डर लग रहा है। इस तरह के सवाल तो उन्हीं से पूछे जाने चाहिए।
दरअसल, हिमाचल प्रदेश का 1985 से यह राजनीतिक इतिहास रहा है कि सूबे की जनता ने किसी भी पार्टी को लगातार दो बार सत्ता की चाबी नहीं सौंपी है। इन चुनावों में भाजपा दोबारा सूबे की सत्ता में वापसी का दावा कर रही थी। शुरुआती रुझानों में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर देखी जा रही थी। लेकिन धीरे-धीरे कांग्रेस अपनी स्थिति मजबूत करती गई। कांग्रेस 17 सीटें जीत चुकी है जबकि 22 पर बढ़त बनाए हुए है। कांग्रेस को 39 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। वहीं भाजपा 13 सीटें जीत चुकी है जबकि 13 पर बढ़त बनाए हुए है।
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