हिमाचल में CM चुनना कांग्रेस के लिए आसान नहीं, दावेदारों में कई नाम, सबकी अपनी सेटिंग, किसका पलड़ा भारी?
himachal pradesh election 2022 results: कांग्रेस हिमाचल प्रदेश में अब सरकार गठन की कोशिशों में जुट गई है। हालांकि उसके लिए सीएम चुनना इतना आसान नहीं है। जानें क्या बन रहे समीकरण...
हिमाचल प्रदेश में हर विधानसभा चुनावों में सरकार बदलने का रिवाज इस बार भी कायम रहा है। कांग्रेस ने विधानसभा की 68 में से 40 सीटें जीतकर स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। सूबे में मिलती इस चुनावी सफलता को देख कांग्रेस ने सरकार के गठन पर काम करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस किसे सीएम बनाएगी इसको लेकर अटकलें लगनी शुरू हो गई हैं। फिलहाल कांग्रेस के तीन चेहरे मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष प्रतिभा सिंह मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताई जा रही हैं। पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह सुक्खू और मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस विधायक दल के नेता मुकेश अग्निहोत्री भी दौड़ में शामिल बताए जा रहे हैं।
प्रतिभा बोलीं- वीरभद्र की विरासत को नजरंदाज नहीं कर सकते
इस बीच हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष प्रतिभा वीरभद्र सिंह ने परिवार की विरासत की नजरअंदाज नहीं किए जाने की बात कह कर सीएम पद को लेकर जारी खींचतान की अटकलों को हवा देने का काम किया है। समाचार एजेंसी एएनआई को दिए बयान में उन्होंने कहा कि विधायक अपना नेता चुनेंगे और अपनी राय पार्टी आलाकमान को बताएंगे। मैं नहीं कह रही की मैं मुख्यमंत्री पद की दौड़ में हूं लेकिन यह चुनाव वीरभद्र सिंह के नाम पर जीता गया है। क्या आप वीरभद्र सिंह के परिवार की विरासत को नजरंदाज कर सकते हैं।
वीरभद्र के बेटे विक्रमादित्य बोले- पिता की विरासत ने दिलाया जनादेश
प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य भी शिमला ग्रामीण से विधायक निर्वाचित हुए हैं। उन्हें भी मुख्यमंत्री पद के लिए आशावान माना जा रहा है। यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी मां एवं कांग्रेस की हिमाचल प्रदेश इकाई की अध्यक्ष प्रतिभा सिंह को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहेंगे। विक्रमादित्य ने कहा क्यों नहीं मैं अपनी मां को मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहूंगा, लेकिन इस संबंध में फैसला चुनाव जीतने वाले उम्मीदवार और आलाकमान की ओर से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पिता की विरासत ने पार्टी को स्पष्ट जनादेश दिलाने में मदद की है।
खड़गे ने पर्यवेक्षकों पर छोड़ा फैसला
इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा है कि सूबे में सरकार गठन की औपचारिकताओं के बारे में पर्यवेक्षक फैसला लेंगे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस के पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक ये दोनों नेता और कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला नवनिर्वाचित विधायकों के साथ बैठक करेंगे। कांग्रेस ने शिमला में अपने सभी नवनिर्वाचित विधायकों की शुक्रवार को बैठक बुलाई है। इसमें कांग्रेस अध्यक्ष को विधायक दल का नेता चुनने के लिए अधिकृत करने का प्रस्ताव पास किया जा सकता है।
इतना आसान नहीं है सीएम चेहरे का चुनाव
हालांकि कांग्रेस के एक नेता ने कहा है कि मुख्यमंत्री का नाम पार्टी आला कमान तय करेगा। आला कमान के फैसले पर सभी मिलकर आगे बढ़ेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कांग्रेस के लिए एक ऐसे नेता का मुख्यमंत्री के चेहरे के रूप में चुनाव करना चुनौतीपूर्ण है, जो पार्टी को आगे ले जाते हुए उसे एकजुट रख सके। इस बीच कांग्रेस के हिमाचल प्रदेश प्रभारी राजीव शुक्ला का कहना है कि पार्टी को जिताने के लिए प्रियंका गांधी ने भी जमकर प्रचार किया था। जाहिर है सीएम चेहरे के चुनाव में गांधी परिवार की भी बड़ी भूमिका रहेगी।
प्रतिभा सिंह को मिल सकता है विधायकों का साथ
वैसे तो प्रतिभा सिंह ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। वह विधायक भी नहीं हैं, लेकिन उन्होंने सूबे में जमकर चुनाव प्रचार किया था। उन्होंने जयराम ठाकुर के गृह जिले मंडी से लोकसभा उपचुनाव जीता था। प्रतिभा सिंह के साथ पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की विरासत भी है। वीरभद्र ने चार दशक से अधिक समय तक सूबे में कांग्रेस की कमान संभाली थी। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रतिभा सिंह को ज्यादातर विधायकों का समर्थन हासिल है, खासकर उनका जो वीरभद्र सिंह के प्रति निष्ठावान रहे हैं। प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य को भले ही सीएम मुख्यमंत्री पद के लिए आशावान बताया जा रहा है लेकिन उनकी कम उम्र आड़े आ सकती है।
सुक्खू और अग्निहोत्री भी दावेदार
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में नदौन से विधायक सुक्खू और हरोली के विधायक अग्निहोत्री भी शामिल हैं। दोनों को उम्मीद है कि पार्टी आलाकमान उनके काम को ध्यान में जरूर रखेगा। अग्निहोत्री कहते हैं कि विधायक दल के नेता के रूप में पिछले पांच साल में उन्होंने विधानसभा में प्रमुखता से भाजपा सरकार के 'कुशासन' को सामने रखा। अग्निहोत्री ब्राह्मण नेता हैं, जबकि सुक्खू राज्य में प्रभावशाली ठाकुर समुदाय से आते हैं। सुक्खू को प्रियंका गांधी की टीम का हिस्सा माना जाता है। सुक्खू को पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की नीतियों से असहमति जताने वाले नेताओं में भी गिना जाता है।
राठौड़ भी आशावान
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौड़ को भी मुख्यमंत्री पद के लिए आशावन माना जा रहा है। वह दावा कर रहे हैं कि उन्होंने पिछले कुछ सालों से गुटबाजी से जूझ रही पार्टी को एकजुट किया। वह बहुकोणीय मुकाबले में ठियोग सीट से चुनाव जीते हैं। कुछ ही महीने पहले राठौड़ की जगह प्रतिभा सिंह को पार्टी की हिमाचल प्रदेश इकाई का प्रमुख बनाया गया था। वैसे मुख्यमंत्री पद के लिए आशावान अन्य चेहरों में छह बार की विधायक आशा कुमारी एवं पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर इस बार चुनाव हार गए हैं।
प्रतिभा की दावेदारी को ठुकराना आसान नहीं
वैसे सीएम पद के लिए इन सभी दावेदारों में प्रतिभा सिंह का पलड़ा सबसे भारी नजर आता है। सूबे में कांग्रेस के पुराने नेता मानते हैं कि सीएम पद की कमान प्रतिभा सिंह को सौंपी जानी चाहिए। उनके पक्ष में एक बात यह भी जा रही है कि वह सूबे की सियासत को बारीकी से समझती हैं। प्रतिभा को सोनिया गांधी की गुडबुक में शुमार माना जाता है। मौजूदा वक्त में प्रतिभा सिंह ने बखूबी वीरभद्र सिंह की विरासत को संभाल लिया है। हिमाचल कांग्रेस के नेता इस बात से भी इनकार नहीं कर सकते कि सूबे की सियासत में वीरभद्र सिंह का कद बहुत बड़ा था। अब प्रतिभा सिंह ने अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर करके एक बड़ा दांव खेल दिया है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।