पहले ही दिन सीएम सुक्खू का बड़ा फैसला, विधायकों को मिलने वाली सुविधाएं वापस ली
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यभार संभालने के पहले ही दिन एक बड़ा फैसला लिया। इस फैसले के अनुसार विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तुरंत प्रभाव से वापस लिया गया है।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कार्यभार संभालने के पहले ही दिन एक बड़ा फैसला लिया। इस फैसले के अनुसार विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तुरंत प्रभाव से वापस लिया गया है। मुख्यमंत्री ने इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि कांग्रेस विधायकों की बैठक में फैसला लिया गया है कि हिमाचल भवन, सदन में जो जनता से पैसा लिया जाता है वहीं विधायकों से लिया जाएगा। विधायक आम नागरिक की तरह सभी बकाया भुगतान करेंगे। विधायकों को मिलने वाली सुविधाओं को तुरंत प्रभाव से वापस लिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhwinder Singh Sukhu) ने कहा- जैसा की हमने लोगों से वादा किया था, पहली कैबिनेट की पहली बैठक में पुरानी पेंशन स्कीम को लागू किया जाएगा। इस बीच कांग्रेस नेता सुनील शर्मा को मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार नियुक्त किया गया है। सुनील शर्मा को हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का करीबी माना जाता है। हिमाचल के 15वें मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले सुक्खू की ओर से की गई यह पहली नियुक्ति है। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार का दर्जा कैबिनेट मंत्री के स्तर का होगा।
हिमाचल के नवनियुक्त मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोमवार को राज्य सचिवालय में पदभार ग्रहण किया। उन्होंने कहा कि आलाकमान के दिशा-निर्देशों के अनुसार मंत्रिमंडल का गठन किया जाएगा। हम सभी विधायक, उपमुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ सदस्य राज्य के कल्याण के लिए काम करेंगे। कैबिनेट का गठन जल्द ही कर दिया जाएगा। सुक्ख हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस की प्रचार अभियान समिति के अध्यक्ष थे। इन चुनावों में कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों पर फोकस करते हुए वृद्धावस्था पेंशन योजना समेत आकर्षक वादे किए थे।
चुनावी वादों को पूरा करने के लिए एक और कठिन कार्य राज्य सरकार के लिए वित्त जुटाना होगा। इन वादों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार की ओर से लगभग दस हजार करोड़ रुपये सालाना खर्च होंगे। हिमाचल पर भारी भरकम कर्ज का बोझ है। ऐसे में चुनावी वादों को पूरा करने के लिए सुक्खू और उनकी टीम के सामने बड़ी चुनौती है। सूबे की हर वयस्क महिला को 1500 रुपये देने के वादे पर सालाना 5,000 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं हर घर को 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली देने के वादे पर सालाना 2,500 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पढ़ें पूरी रिपोर्ट- सुक्खू के सामने चुनौतियों का पहाड़
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