हिमाचल के लोगों को बड़ी राहत, डॉक्टरों ने खत्म की हड़ताल, सरकार ने दिया भरोसा, कब से ओपीडी?
कोलकाता में महिला पीजी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद जघन्य हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश में विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टरों ने अपनी हड़ताल खत्म कर दी है।
हिमाचल प्रदेश में रेजिडेंट डॉक्टरों ने तीन दिन से जारी अपनी हड़ताल खत्म कर दी है। कोलकाता में महिला पीजी डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद जघन्य हत्या के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के आह्वान पर हिमाचल प्रदेश में भी डॉक्टर ओपीडी में नहीं बैठ रहे थे, लेकिन आपातकालीन सेवाएं चल रहीं थीं। डॉक्टरों की मांग थी कि राज्य सरकार प्रदेश के अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करे।
राज्य मेडिकल और डेंटल कॉलेज टीचर एसोसिएशन (सेमडिकोट) के प्रधान डॉक्टर बलबीर सिंह वर्मा ने बताया कि मंगलवार को मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में डॉक्टरों की सुरक्षा समेत सभी मांगें मानने का भरोसा मिला है। सरकार ने आश्वस्त किया है कि सरकार ने आश्वस्त किया है कि एसोसिएशन की मांगों को पूरा किया जाएगा। डॉक्टर सुरक्षा को लेकर स्टेट हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं।
डॉक्टरों की हड़ताल से खत्म होने से मरीजों व आम लोगों ने राहत की सांस ली है, क्योंकि बुधवार को अस्पतालों में ओपीडी समेत सभी स्वास्थ्य सेवाएं पहले की तरह दोबारा सुचारू रूप से बहाल हो जाएंगी। रेजिडेंट व प्रशिक्षु डॉक्टरों के बीते शनिवार से हड़ताल पर रहने के दौरान प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं।
अस्पतालों में सीनियर डॉक्टरों की कमी होने के कारण ओपीडी को बंद रखा गया। ऐसे में अस्पताल आने वाले अनेक मरीजों को बेइलाज वापस लौटना पड़ा औऱ कई ऑपरेशन नहीं हुए। इस दौरान डॉक्टरों ने केवल इमरजेंसी सेवाएं ही दीं। डॉक्टरों की हड़ताल से लोग इलाज के लिए दर-दर भटकने को मजबूर हो रहे थे।
इससे पहले रेजिडेंट डॉक्टरों की एसोसिएशन सेमडिकोट के बैनर तले राजधानी शिमला में डॉक्टरों ने मंगलवार को आईजीएमसी से सचिवालय तक पैदल मार्च निकाला और सरकार से अस्पतालों में डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। डॉक्टरों ने सुरक्षा सहित विभिन्न मुद्दों पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से मिलकर सचिवालय में अपनी बात रखी।
राज्य मेडिकल और डेंटल कॉलेज टीचर एसोसिएशन (सेमडिकोट) के अध्यक्ष बलवीर वर्मा ने कहा कि कोलकाता में महिला प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ हुई वारदात दुर्भाग्यपूर्ण है। इस संबंध में मेडिकल और डेंटल कॉलेज शिक्षक व छात्रों ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी बात रखी है। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है और सरकार ने इसका आश्वासन भी दिया है। हड़ताल को लेकर सभी चिकित्सक संघों के साथ बैठक में निर्णय लिया जाएगा।
प्रशिक्षु डॉक्टर अभिषेक शर्मा ने कहा कि कोलकाता में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ हुआ अपराध भयानक है। आज आईजीएमसी के शिक्षक और प्रशिक्षु डॉक्टर ने सचिवालय तक मार्च निकाला और मुख्यमंत्री से मिलकर अपनी मांगे रखने की कोशिश की लेकिन काफी देर तक इंतजार कराया गया इसके बाद मुख्यमंत्री मिलने आए जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। आईजीएमसी डॉक्टर की केवल स्टेट हेल्थ प्रोटेक्शन एक्ट को सही ढंग से लागू करने की मांग है।
रिपोर्ट- यूके शर्मा
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