हरियाणा विधानसभा चुनाव में कहां अटकी है AAP-कांग्रेस के बीच गठबंधन की बात?
- कांग्रेस के ज्यादातर स्थानीय नेताओं के विरोध के बावजूद पार्टी आलाकमान की इच्छा है कि अगर गठबंधन होता है तो इसका अच्छा संदेश जाएगा। उधर, आप नेताओं ने कहा है कि अगर गठबंधन पर फैसला नहीं होता है तो एक दो दिन में वे अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर सकते हैं।
हरियाणा में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच गठबंधन को लेकर अभी भी बातचीत का दौर जारी है। दोनों के बीच सीटों की संख्या पर पेंच फंसा हुआ है। दोनों ही दलों के द्वारा दबाव की राजनीति हो रही है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि उनकी पार्टी ने अरविंद केजरीवाल की पार्टी को पांच सीट ऑफर की हैं, जबकि आप कम से कम दस सीटों पर लड़ना चाहती है। एक दो दिन में सात सीटों पर सहमति बनने के आसार हैं।
कांग्रेस के ज्यादातर स्थानीय नेताओं के विरोध के बावजूद पार्टी आलाकमान की इच्छा है कि अगर गठबंधन होता है तो इसका अच्छा संदेश जाएगा। उधर, आप नेताओं ने कहा है कि अगर गठबंधन पर फैसला नहीं होता है तो एक दो दिन में वे अकेले चुनाव लड़ने का एलान कर सकते हैं। शनिवार को आम आदमी पार्टी नेता राघव चड्ढा ने भी संकेत दिया है कि हरियाणा में कांग्रेस से गठबंधन की कोशिश जारी है।
पिछले चुनाव में AAP को मिले थे एक प्रतिशत वोट
पिछले चुनावों को आधार मानें तो हरियाणा में आम आदमी पार्टी के पास लगभग एक फीसद वोट हैं। मतों का बंटवारा रोकने के लिहाज से यह काफी महत्वपूर्ण हैं। हरियाणा में भाजपा और कांग्रेस के अलावा कई दल मैदान में हैं, जिनका कई सीटों पर असर है। इनमें दुष्यंत चौटाला की जननायक जनता पार्टी, इनेलो, बसपा, आजाद समाज पार्टी शामिल हैं। दुष्यंत की पार्टी का आजाद समाज पार्टी से गठबंधन है।
एक फीसदी मत भी निर्णायक साबित हो सकता है
कई सीटों पर निर्दलीय भी असर दिखा सकते हैं। माना जा रहा है भाजपा रणनीति के तहत विरोधी मतों में बिखराव की योजना पर काम कर रही है। इसलिए एक फीसदी मत भी निर्णायक साबित हो सकते हैं। कांग्रेस ने जिन 71 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर लिए हैं उनमें से भी कुछ सीटें आम आदमी पार्टी मांग रही है, जिसकी वजह से कांग्रेस ने पहली सूची 32 उम्मीदवारों की ही जारी की है।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।