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हरियाणा के 'लाल' राजस्थान में करेंगे कमाल, भाजपा और कुलदीप बिश्नोई दोनों के बड़े हैं प्लान

Kuldeep Bishnoi to Join BJP Today: साल 1998 में करनाल से जब भजन लाल ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आदमपुर सीट छोड़ी, तो यहां उपचुनाव में कुलदीप बिश्नोई ने जीत हासिल कर पारी की शुरुआत की।

Nisarg Dixit लाइव हिंदुस्तान, चंडीगढ़Thu, 4 Aug 2022 05:10 AM
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हरियाणा कांग्रेस के बड़े नेता कुलदीप बिश्नोई भारतीय जनता पार्टी का दामन थामने के लिए तैयार हैं। बुधवार को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद शुक्रवार को वह भाजपा में शामिल हो जाएंगे। हालांकि, यह पहली बार नहीं है, जब उन्होंने राजनीतिक बगावत को अंजाम दिया है। बहरहाल, जानकारों का कहना है कि बिश्नोई राज्य में अपने पिता भजन लाल की तरह दबदबा कायम करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। इधर, भाजपा भी उनकी एंट्री से राजस्थान का योजना तैयार करती दिख रही है।

जब भाजपा के साथ आए 'तीन लाल'
हरियाणा की राजनीति में तीन लाल यानि भजन लाल, बंसी लाल और देवी लाल की राजनीति की चर्चाओं में रही है। खास बात यह भी है कि इन तीनों ने ही कभी न कभी भाजपा का हाथ पकड़ा है, लेकिन इनके वारिस इस कदम से दूर ही रहे थे। फिलहाल, देवी लाल के बेटे रंजीत सिंह निर्दलीय के तौर पर हरियाणा सरकार में मंत्री है और दुष्यंत चौटाला जेजेपी नेता के तौर पर उप मुख्यमंत्री हैं।

बिश्नोई की सियासी करियर
साल 1998 में करनाल से जब भजन लाल ने लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए आदमपुर सीट छोड़ी, तो यहां उपचुनाव में बिश्नोई ने जीत हासिल कर पारी की शुरुआत की। साल 2004 में उन्होंने पूर्व सीएम बंसी लाल के बेटे सुरेंद्र सिंह और तब सीएम रहे ओम प्रकाश चौटाला को भिवानी लोकसभा चुनाव में हराया। 

यहां शुरू हुईं मुश्किलें!
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2005 में जब कांग्रेस ने जीत दर्ज की तो भजन लाल के बजाए भूपेंद्र सिंह हु्ड्डा को मुख्यमंत्री पद के लिए तरजीह दी गई। कहा जा रहा है कि यहां से बिश्ननोई के लिए मुश्किलें शुरू हो गई थीं। इसके बाद बिश्नोई बागी हुए और साल 2007 में हरियाणा जनहित कांग्रेस बना दी। हालांकि, यह दांव उलटा ही पड़ता नजर आया। 2009 चुनाव में उन्होंने 6 सीटें जीती, लेकिन 4 विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए और हुड्डा लगातार दूसरी बार सीएम बने।

गठबंधन में भी अच्छा नहीं रहा है रिकॉर्ड
2014 लोकसभा चुनाव में भाजपा के साझेदार के तौर पर उतरी HJC ने हिसार और सिरसा दोनों सीटें ही गंवा दी थी। इधर, INLD उम्मीदवार दुष्यंत चौटाला के हाथों हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, आखिरकार 2016 में उन्होंने कांग्रेस में विलय किया, लेकिन यहां भी उनके बेटे भव्य बिश्नोई को 2019 में हिसार लोकसभा से हार मिली। जबकि, 2019 चुनाव में कुलदीप आदमपुर सीट बचाने में सफल रहे थे।

हरियाणा तक ही नहीं है भाजपा की प्लानिंग
कुलदीप के करीबी बताते हैं, 'हरियाणा में  भजन लाल और भाजपा का वोट बैंक लगभग समान है। अब बिश्नोई के वोट बैंक ने भाजपा को अपना लिया है। भले ही बिश्नोई समुदाय अदमपुर और आसपास के इलाकों तक सीमित है, लेकिन राजस्थान के करीब 20 विधानसभा क्षेत्रों में इनकी खासी मौजूदगी है।' उन्होंने बताया कि आदमपुर के पूर्व विधायक अगले राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार कर सकते हैं।

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