आदमपुर उपचुनाव में अब दलित कार्ड? बिश्नोई बोले- हुड्डा ने तंवर पर करवाया जानलेवा हमला, वह दलित-विरोधी
बिश्नोई ने जनसंपर्क अभियान के दौरान कहा कि हुड्डा ने जहां पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक तंवर पर जानलेवा हमला करवाया, वहीं पार्टी के सीनियर नेता कुमारी शैलजा को अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए विवश किया।
हरियाणा की आदमपुर विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर दलित कार्ड खेला जाने लगा है। पूर्व विधायक और भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि मुझ पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया जा रहा है, जबकि हकीकत यह है कि दलित विरोधी मैं नहीं बल्कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हैं। बिश्नोई ने जनसंपर्क अभियान के दौरान कहा कि हुड्डा ने जहां पार्टी के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक तंवर पर जानलेवा हमला करवाया, वहीं पार्टी के सीनियर नेता कुमारी शैलजा को अध्यक्ष पद छोड़ने के लिए विवश किया।
बिश्नोई ने आरोप लगाया कि हुड्डा की अगुवाई में प्रदेश में कांग्रेस शासन के चलते आदमपुर विधानसभा क्षेत्र की जमकर अनदेखी हुई। क्षेत्र की अनदेखी को लेकर सरकार की आंख खोलने के लिए मेरी अगुवाई में इस क्षेत्र के लोग चंडीगढ़ में प्रदर्शन करने गए। इस दौरान उन पर लाठियां भांजी गई और उनके वाहन तोड़ दिए गए। उन्होंने कहा कि आज हुड्डा किस मुंह से आदमपुर की जनता से कांग्रेस के लिए वोट मांग रहे हैं।
ED-CBI के डर से कांग्रेस नहीं छोड़ी: बिश्नोई
भाजपा नेता ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस पार्टी को तिलांजलि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के डर से नहीं, बल्कि मनोहर लाल सरकार की कल्याणकारी नीतियों से प्रभावित होकर दी है। उन्होंने बताया कि अभी भाजपा में आए उन्हें मात्र सवा माह ही हुआ है, इतने अल्पकाल में उन्होंने करोड़ों रुपए के प्रोजेक्ट आदमपुर विधानसभा क्षेत्र के लिए सरकार से लिए हैं। जनता ने अगर मेरे बेटे को आशीर्वाद दिया तो मनोहर सरकार के इस समय में आदमपुर विधानसभा क्षेत्र में विकास के नए आयाम स्थापित होंगे।
'आदमपुर विधानसभा सियासी क्षेत्र नहीं, बल्कि घर'
कुलदीप बिश्नोई ने कहा कि आदमपुर विधानसभा क्षेत्र उनका सियासी क्षेत्र नहीं है, बल्कि घर है। इस क्षेत्र की जनता ने चौधरी भजन लाल से लेकर भव्य बिश्नोई तक का साथ देने का मानस बनाया हुआ है। उन्होंने कहा कि लोगों से मिल रहे प्यार से साफ झलक रहा है कि भव्य बिश्नोई की जीत को कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कांग्रेसी प्रत्याशी जयप्रकाश पर चुटकी लेते हुए कहा की उन्हें आदमपुर क्षेत्र या जनता से कोई लेना देना नहीं है। वह प्रवासी प्रत्याशी हैं और मजबूरी में उम्मीदवार बनाए गए हैं। वह चुनाव के बाद यहां से चले जाएंगे।
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