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'राज्य सभा की तरह... अपने विवेक के हिसाब से वोट किया', कांग्रेस बागी विधायक कुलदीप बिश्नोई

बिश्नोई ने कहा, "राज्यसभा की तरह, मैंने इस चुनाव में भी अपने विवेक के अनुसार अपना वोट डाला।" जब उनसे उनके भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं जल्द ही खुलासा करूंगा।"

Amit Kumar एजेंसियां, नई दिल्लीMon, 18 July 2022 05:11 PM
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हरियाणा कांग्रेस के बागी विधायक कुलदीप बिश्नोई ने सोमवार को कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की जगह द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया। पिछले महीने संपन्न राज्यसभा चुनाव में ‘क्रॉस वोटिंग’ करने वाले बिश्नोई ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में भी अपने विवेक के हिसाब से मतदान किया। बिश्नोई ने कहा, "राज्यसभा की तरह, मैंने इस चुनाव में भी अपने विवेक के अनुसार अपना वोट डाला।" जब उनसे उनके भविष्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "मैं जल्द ही खुलासा करूंगा।" 

पिछले महीने बिश्नोई को राज्यसभा चुनाव में सहयोगी अजय माकन के खिलाफ मतदान करने के बाद सभी पदों से हटा दिया गया था। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भजन लाल के छोटे बेटे बिश्नोई ने राज्यसभा चुनाव से पहले भी कहा था कि वह अपने विवेक के हिसाब से चलेंगे। बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में गुप्त मतपत्र प्रणाली का इस्तेमाल होता है और राजनीतिक दल अपने सांसदों और विधायकों को व्हिप नहीं जारी कर सकते।

हरियाणा के अन्य विधायक जहां चंडीगढ़ स्थित विधानसभा परिसर में अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे थे, वहीं बिश्नोई ने संसद भवन में वोट डालने की अनुमति मांगी थी। आदमपुर के 53 वर्षीय विधायक बिश्नोई ने हाल ही में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की थी। उन्होंने बाद में दोनों नेताओं की तारीफों के पुल भी बांधे थे।

चार बार विधायक और दो बार सांसद चुने जा चुके बिश्नोई उस समय से असंतुष्ट चल रहे हैं, जब कांग्रेस ने पिछले साल अपनी राज्य इकाई का कायाकल्प करते समय प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए उनके नाम पर विचार नहीं किया था। पार्टी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के वफादार उदय भान को हरियाणा कांग्रेस का अध्यक्ष घोषित किया था। राज्यसभा चुनाव में पार्टी लाइन का पालन न करने पर बिश्नोई को 11 जून को कांग्रेस के सभी पदों से निष्कासित कर दिया गया था।

जवाब में बिश्नोई ने ट्वीट किया था, “कुछ नेताओं के लिए कांग्रेस के नियम-कायदे हैं और कुछ के लिए अपवाद। नियम-कायदे चुनिंदा लोगों पर लागू किए जाते हैं। अनुशासनहीनता को अतीत में बार-बार नजरअंदाज किया गया है। मेरे मामले में मैंने अपनी अंतरात्मा की सुनी और उसूलों के आधार पर काम किया।” पिछले महीने बिश्नोई ने कहा था कि वह अपना अगला कदम तय करने के लिए समर्थकों के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं।

हरियाणा की मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस 90 सदस्यी राज्य विधानसभा में अपने ज्यादातर विधायकों के समर्थन की बदौलत एक राज्यसभा सीट जीतने में सफल रही थी। हालांकि, कांग्रेस के दूसरे उम्मीदवार अजय माकन एक विधायक का वोट अमान्य घोषित होने और बिश्नोई के ‘क्रॉस वोटिंग’ करने के कारण चुनाव हार गए थे। भाजपा के कृष्णलाल पंवार और पार्टी के समर्थन वाले निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा हरियाणा से राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने वाले अन्य नेताओं में शामिल थे।

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