Bilkis Bano Case: दोषियों की रिहाई के खिलाफ पुनर्विचार याचिका पर जल्द होगी सुनवाई
Supreme Court on Bilkis Bano Case : सुप्रीम कोर्ट बिलकिस बानो की की उस पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करेगा, जिसमें मामले के 11 दोषियों को रिहा करने के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती दी गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि वह उस पुनर्विचार याचिका को शीघ्र सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा, जिसमें बिलकिस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले शीर्ष अदालत के पूर्व के आदेश की समीक्षा करने की गुहार लगाई गई है। सर्वोच्च अदालत ने अपने आदेश में गुजरात सरकार से बिलकिस बानो मामले के 11 दोषियों की क्षमा के लिए दायर याचिका पर विचार करने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और दीपांकर दत्ता की पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अभी तक पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई की तारीख सुनवाई की तारीख सूचीबद्ध नहीं गई है।
समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक प्रधान न्यायाधीध डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा एवं न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने वकील शोभा गुप्ता के इस अभिवेदन का संज्ञान लिया कि पुनरीक्षण याचिका को अभी तक सूचीबद्ध नहीं किया गया है। वकील ने बताया कि संभावित तारीख पांच दिसंबर दिखाई गई थी, जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश ने कहा कि मैं इसे जल्द सूचीबद्ध करूंगा। मैं तारीख देखता हूं। प्रक्रिया के अनुसार, शीर्ष अदालत के फैसले के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका पर फैसला संबंधित निर्णय सुनाने वाले न्यायाधीश अपने कक्ष में करते हैं।
मालूम हो कि बिलकिस बानो गुजरात में हुए दंगों के दौरान दुष्कर्म की शिकार हुई थीं। इतना ही नहीं उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या भी कर दी गई थी। बिलकिस बानो ने पुनरीक्षण याचिका के अलावा दोषियों की सजा माफ किए जाने के फैसले को चुनौती देते हुए एक अलग याचिका दायर की है। यह याचिका न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ के समक्ष 13 दिसंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है। शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार से नौ जुलाई, 1992 की नीति के तहत दोषियों की समय से पूर्व रिहाई की याचिका पर दो महीने के भीतर विचार करने को कहा था।
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