राजकोट गेम जोन हादसे के लिए चार विभाग जिम्मेदार, मामले में SIT ने सौंपी जांच रिपोर्ट
25 मई को TRP गेमजोन परिसर में लगी भीषण आग में बच्चों समेत 27 लोग जलकर मर गए थे। जांच में पता चला था कि गेम जोन राजकोट नगर निगम के अग्निशमन विभाग से अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) लिए बिना ही चल रहा था।

गुजरात के राजकोट में पिछले महीने गेम जोन में लगी आग की घटना की जांच के लिए बनाई गई SIT (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) ने अपनी अंतरिम रिपोर्ट शुक्रवार को गांधीनगर में गृह राज्य मंत्री हर्ष संघवी को सौंप दी। वरिष्ठ IPS अधिकारी सुभाष त्रिवेदी की अध्यक्षता वाली SIT ने अपनी 100 पेज की अंतरिम रिपोर्ट में हादसे के लिए चार विभागों की खामियों को जिम्मेदार बताया है, साथ ही गुजरात पुलिस अधिनियम (जीपी एक्ट) की धारा 33 में कुछ बदलाव करने का सुझाव दिया है, जो स्थानीय पुलिस को ऐसे गेम जोन को विभिन्न लाइसेंस देने का अधिकार देता है। 25 मई को हुई इस घटना में 27 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई बच्चे भी शामिल थे।
इस बारे में जानकारी देते हुए त्रिवेदी ने कहा, 'आज हमने सरकार को एक अंतरिम रिपोर्ट सौंप दी है। जांच में हमें पुलिस, फायर ब्रिगेड विभाग, टाउन प्लानिंग और सड़क व भवन विभाग की खामियां मिलीं हैं। हमने उनकी लापरवाही के बारे में कई सबूत भी एकत्र किए हैं और अपनी रिपोर्ट के माध्यम से सरकार का ध्यान इस ओर आकर्षित किया है।'
जांच के बारे में आगे उन्होंने बताया, 'SIT ने गुजरात पुलिस अधिनियम की धारा 33 में कुछ बदलाव करने का सुझाव दिया है, जिसके तहत स्थानीय पुलिस ऐसी मनोरंजन सुविधाओं वाले परिसर को लाइसेंस और टिकट लाइसेंस देती है। हम दोषियों को नहीं बख्शेंगे। SIT की जांच अभी भी जारी है। हम फिलहाल वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों द्वारा निभाई गई भूमिकाओं की जांच कर रहे हैं।'
गेम जोन में लगी आग की इस घटना के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने स्वत: संज्ञान लेकर इस मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई शुरू की थी। जिसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता अमित पंचाल ने 13 जून को ने सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीरों का हवाला देते हुए हाई कोर्ट को बताया था कि राजकोट के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर, राजकोट के नगर आयुक्त और जिला विकास अधिकारी TRP गेम जोन के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए थे। तब मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल ने सरकार की खिंचाई करते हुए पूछा था कि TRP गेम जोन के उद्घाटन समारोह में शामिल होने वाले इन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
आरोपों के बारे में पूछे जाने पर SIT प्रमुख ने कहा कि ये अधिकारी इसके खुलने के करीब एक साल बाद वहां गए थे। त्रिवेदी ने कहा, 'हम इस मामले में पहले ही चार IAS और एक IPS अधिकारी से पूछताछ कर चुके हैं, जो कि काफी पहले गेम जोन में गए थे और वहां अपनी तस्वीरें खिंचवा चुके थे। इन अधिकारियों ने SIT को बताया कि वे मार्च 2022 में अपने परिवार के सदस्यों के साथ एक अधिकारी का जन्मदिन मनाने वहां गए थे। यह गेम जोन का उद्घाटन कार्यक्रम नहीं था, जैसा कि दावा किया जा रहा है।' आगे उन्होंने बताया कि जांच पूरी करने से पहले जरूरत पड़ने पर SIT अन्य IAS और IPS अधिकारियों से भी पूछताछ करेगी।
राज्य सरकार ने हाल ही में गुजरात उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि SIT 20 जून तक अपनी अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी और उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में पुलिस ने अबतक गेम जोन के पांच मालिकों और छह सरकारी अधिकारियों को गिरफ्तार किया है।
घटना के बाद राज्य सरकार ने आग के कारणों व सिस्टम की खामियों का पता लगाने और भविष्य में ऐसी घटनाओं को होने से रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों का सुझाव देने के लिए त्रिवेदी के नेतृत्व में एक SIT का गठन किया था।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।