जज प्रभावित थे, अटकलबाजी के आधार पर दिया फैसला; राहुल ने अपनी दलीलों में क्या कहा?
Rahul Gandhi Defamation Case: सूरत की सत्र अदालत ने मानहानि मामले में राहुल गांधी को सोमवार को बड़ी राहत दी। अदालत ने राहुल को जमानत दे दी। जानें राहुल ने अपनी याचिका में क्या बातें कही हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को सूरत की सत्र अदालत पहुंचे और मानहानि मामले में अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ याचिका दाखिल की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आरपी मोगेरा की अदालत ने राहुल गांधी की याचिका पर गौर करते हुए उन्हें जमानत दे दी। इससे राहुल को बड़ी राहत मिली। अदालत इस मामले में अब 13 अप्रैल को सुनवाई करेगी। राहुल गांधी ने अपनी याचिका में कहा है कि मानहानि मामले में बीते 23 मार्च को मजिस्ट्रेट अदालत की ओर से सुनाया गया फैसला 'त्रुटिपूर्ण' और गलत था। उनको इस तरीके से सजा सुनाई गई जिससे वह संसद सदस्य के तौर पर अयोग्य हो जाएं। इस रिपोर्ट में जानें राहुल ने अपनी याचिका में क्या दलीलें दी।
राहुल की ओर से रखी गई दलीलें
1- राहुल ने अपनी याचिका में कहा है कि निचली अदालत ने उनके साथ सख्ती बरती। वह एक सांसद के तौर पर उनके दर्जे से अत्यधिक प्रभावित थी। अदालत ने उन्हें इस तरीके की सजा सुनाई ताकि एक संसद सदस्य के तौर पर उन्हें अयोग्य घोषित करने का रास्ता साफ करे।
2- राहुल गांधी ने अपनी अपील में यह भी कहा कि मोदी समाज या समुदाय जैसी कोई चीज रिकार्ड में नहीं है। मजिस्ट्रेट अदालत ने अनुमान, अटकलबाजी, परिकल्पना और पूर्वधारणा के आधार पर अपना फैसला दिया जो कानून के लिहाज से उचित नहीं है।
3- राहुल ने सत्र अदालत में अपनी याचिका में कहा- सीजेएम (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट) द्वारा पारित फैसला और सजा का आदेश स्पष्ट रूप से विकृत और गलत है। सुनवाई के दौरान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर गौर नहीं किया गया।
4- सजा के दूरगामी प्रभाव यानी संसद से अयोग्यता जैसे नतीजे ट्रायल कोर्ट के ध्यान में जरूर रहे होंगे। इस मामले में याचिकाकर्ता को अत्यधिक सजा न केवल कानून के विपरीत थी, वरन उसके राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए अनुचित भी थी।
5- राहुल की ओर से यह भी कहा गया कि इस तरह के फैसले से याचिकाकर्ता की अयोग्यता जनादेश की अस्वीकृति है। साथ ही यह उपचुनाव के तौर पर सरकारी खजाने पर भारी बोझ डालती है।
6- कांग्रेस नेता ने कहा कि शिकायतकर्ता के आरोप विचारणीय नहीं हैं क्योंकि वह पीड़ित व्यक्ति नहीं है। मानहानि का आरोप लगाने के लिए यहां व्यक्तियों का कोई निर्धारित समूह नहीं है।
7- राहुल की ओर से दलील दी गई कि उक्त वाक्य पीएम मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी के संबंध में बोला गया था। यह वाक्या 'मोदी' सरनेम वाले लोगों के बारे में नहीं बोला गया था। रिकॉर्ड पर मोदी समाज या समुदाय का कोई जिक्र नहीं है।
8- राहुल के पक्ष का कहना है कि हर समुदाय में मोदी हैं। मोदी उपनाम वाले लोगों का कोई संगठन या समूह नहीं है जिसे मानहानिकारक बयान में संदर्भित किया गया है। मोदी 13 करोड़ (संख्या में) हैं। इनको शिकायत का अधिकार नहीं है क्योंकि यह निश्चित, निर्धारित या व्यक्तियों का समूह नहीं है।
पूर्णेश मोदी को 10 अप्रैल तक दाखिल करना होगा जवाब
इसके साथ ही अदालत ने शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को भी नोटिस जारी किया। पूर्णेश मोदी को 10 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करना होगा। राहुल के वकील किरीट पानवाला ने बताया कि सत्र अदालत ने सजा के खिलाफ राहुल की याचिका को मंजूर कर लिया। अदालत ने अपील के निपटारे तक राहुल गांधी को जमानत दे दी है। राहुल की ओर से मुख्य अर्जी के साथ दो अतिरिक्त याचिकाएं दायर की गई हैं। पहली याचिका सजा के निलंबन के लिए जबकि दूसरी नियमित जमानत और तीसरी याचिका फैसले को खारिज किए जाने को लेकर दाखिल की गई है। मामले में गुजरात सरकार को भी प्रतिवादी बनाया गया है।
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