पति ने पत्नी को लिव-इन पार्टनर से किया अलग; गुजरात हाईकोर्ट ने दोनों को फिर से मिलाया
गुजरात में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। गुजरात हाईकोर्ट ने विवाद के कारण पति को छोड़कर लिव-इन पार्टनर के साथ रहने गई एक विवाहित महिला को फिर से उसके पार्टनर से मिला दिया है।
गुजरात में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। गुजरात हाईकोर्ट ने विवाद के कारण पति को छोड़कर लिव-इन पार्टनर के साथ रहने गई एक विवाहित महिला को फिर से उसके पार्टनर से मिला दिया है। दरअसल, महिला का पति उसे जबरन अपने साथ ले आया था और उसके मायके में छोड़ दिया था। इसके बाद उसके लिव-इन पार्टनर ने महिला की कस्टडी के लिए कानून का सहारा लिया। प्रेमी ने महिला का पता लगाने के लिए हाईकोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण (Habeas Corpus) याचिका दायर की थी।
द टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, महिला और उसका लिव-इन पार्टनर इस साल जनवरी से अमरेली जिले के खंभा शहर में एक साथ रह रहे थे। इस जोड़े की मुलाकात उस वक्त हुई थी, जब महिला वैवाहिक कलह के कारण एक बेटे को अपने पति के पास छोड़कर अपने मायके लौट आ गई थी।
जस्टिस एवाई कोग्जे और एसजे दवे की बेंच ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए पुलिस को महिला को अदालत के सामने पेश करने का निर्देश दिया था। इसके बाद महिला ने 8 अप्रैल को हाईकोर्ट में जजों के सामने पेश होकर अपने लिव-इन पार्टनर के साथ जाने की इच्छा जताई थी।
याचिका दायर करने वाले लिव-इन पार्टनर के वकील रथिन रावल ने कहा, "चूंकि बंदी प्रत्यक्षीकरण हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार में था, इसलिए उसने महिला की इच्छा को ध्यान में रखते हुए उसे याचिकाकर्ता के साथ जाने की अनुमति दे दी।"
वहीं, इस तरह के मामलों में हिंसा की घटनाओं को देखते हुए उनके वकील ने अदालत से जोड़े के लिए पुलिस सुरक्षा का भी अनुरोध किया। इस पर हाईकोर्ट ने पुलिस को महिला को उसके पार्टनर के घर पहुंचने तक सुरक्षा देने का आदेश दिया।
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