गुजरात के निजी केंद्रों में डायलिसिस सेवा 3 दिन के लिए बंद, PM की योजना से जुड़ा है मामला
गुजरात नेफ्रोलॉजिस्ट एसोसिएशन के सदस्य डॉ. उमेश गोधानी ने बताया कि राज्य में पीएम-जेएवाई योजना के तहत सालाना करीब 1.30 करोड़ डायलिसिस होते हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत निजी केंद्रों द्वारा किए जाते हैं।
गुजरात सरकार द्वारा प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत मरीजों की ओर से भुगतान किए जाने वाली दरों में कमी करने के विरोध में राज्य के निजी केंद्रों ने तीन दिन के लिए डायलिसिस (Dialysis) रोक दी है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को बताया कि निजी केंद्रों के विरोध के मद्देनजर राज्य सरकार ने विशेष व्यवस्था की है, ताकि मरीजों को परेशानी न हो। उन्होंने बताया कि सरकार ने हेल्पलाइन नंबर की भी शुरुआत की है।
गुजरात नेफ्रोलॉजिस्ट एसोसिएशन के सदस्य डॉ. उमेश गोधानी ने बताया कि राज्य में पीएम-जेएवाई योजना के तहत सालाना करीब 1.30 करोड़ डायलिसिस होते हैं, जिनमें से 80 प्रतिशत निजी केंद्रों द्वारा किए जाते हैं। उन्होंने बताया कि पीएम-जेएवाई योजना के तहत 1.27 लाख लाभार्थी हैं, जो डायलिसिस कराते है और इनमें से करीब एक लाख मरीज निजी केंद्रों से यह सुविधा प्राप्त करते हैं।
डॉ. गोधानी ने कहा कि राज्य सरकार गत आठ साल से निजी केंद्रों को प्रति डायलिसिस दो हजार रुपये का भुगतान करती थी, जिसे घटाकर 1650 रुपये कर दिया गया है, जिसका नकारात्मक असर उन पर पड़ेगा, खासतौर पर इलाज के बढ़ते खर्चों को देखते हुए। जिन मरीजों के गुर्दे काम नहीं करते उनका डायलिसिस किया जाता है।
डॉ. गोधानी ने कहा, ''गत आठ साल में इलाज का खर्च बढ़ा है और राशि बढ़ाई जानी चाहिए, लेकिन सरकार ने इसके उलट (पीएम-जेएवाई योजना के पैनल में शामिल) निजी अस्पतालों को सूचना दिए बिना राशि घटाकर 1650 रुपये कर दी।''
उन्होंने दावा किया कि तमाम कोशिशों के बावजूद एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल और स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात नहीं हो सकी।
डॉ. गोधानी ने चेतावनी दी, ''अगर सरकार हमारी मांगों को तीन दिन में स्वीकार नहीं करेगी तो राज्य के सभी 120 नेफ्रोलॉजिस्ट अपना नाम पीएम-जेएवाई योजना से वापस ले लेंगे।''
गुजरात के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज अग्रवाल ने संवाददाताओं से कहा कि 'ए-वन डायलिसिस' कार्यक्रम के तहत राज्य सरकार ने तालुका स्तर पर 272 मुफ्त डायलिसिस केंद्रों को मंजूरी दी। इसके अलावा सिविल अस्पतालों में भी मुफ्त डायलिसिस की सुविधा मुहैया कराई जा रही है।
उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि तीन दिन तक निजी केंद्रों में डायलिसिस बंद होने से मरीजों को परेशानी न हो।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।