Gujarat Election Results: गुजरात में कांग्रेस की करारी हार की क्या रही वजहें? इन पांच प्वाइंट में जानें
Gujarat Election Results: गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर ने सूबे में पार्टी की हार का ठीकरा आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम पर फोड़ दिया है। गुजरात में कांग्रेस की करारी हार की क्या रही वजहें? जानें..
भाजपा ने गुजरात में 182 सदस्यीय विधानसभा में 156 सीटें जीतकर इतिहास रच दिया है। वहीं कांग्रेस महज 17 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई। सूबे में पार्टी की करारी हार की क्या वजहें रही हैं। गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर ने इसका ठीकरा आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम पर फोड़ा है। उन्होंने गुरुवार को आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी की एआईएमआईएम पर कांग्रेस का वोट काटने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि आम आदमी पार्टी और असदुद्दीन ओवैसी कांग्रेस के वोट कटने की वजहों में शामिल थे। इस रिपोर्ट जानें सूबे में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की क्या रही वजहें...
जगदीश ठाकोर की बातों में कितना दम?
गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर ने कहा- सूबे में पार्टी की हार की वजहों की समीक्षा की जाएगी। हम कमियों का विश्लेषण करने के लिए जल्द एक बैठक करेंगे। मुझे उम्मीद है कि भाजपा की सरकार अपने वादों को पूरा करेगी। ठाकोर ने आगे कहा कि कांग्रेस के वोट के वोट कटने की वजहों में आम आदमी पार्टी और एआईएमआईएम दोनों शामिल रहे। गुजरात कांग्रेस प्रमुख जगदीश ठाकोर की बातों में कितना दम है। आइए करते हैं इसकी पड़ताल...
कांग्रेस का मत प्रतिशत घटा
गुजरात में आम आदमी पार्टी के खाते में पांच सीटें हैं। भाजपा ने अपना मत प्रतिशत पिछली बार के 49 फीसदी के मुकाबले इस बार बढ़ाकर 53 फीसदी कर लिया। वहीं कांग्रेस का मत प्रतिशत 42 फीसद से घटकर 27 प्रतिशत रह गया। समाचार एजेंसी पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसा लगता है कि बड़ी संख्या में उसके मतदाताओं ने आप के पक्ष में वोट डाला, जिसे 13 फीसदी वोट हासिल हुए।
अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंधमारी
कांग्रेस सूत्रों के अनुसार, आप और एआईएमआईएम ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अल्पसंख्यकों के वोट में सेंध लगाते हुए विभिन्न सीटों पर कांग्रेस के मतों के अंतर को काफी कम कर दिया। सनद रहे सूबे में अल्पसंख्यक, मुख्य रूप से मुस्लिम कांग्रेस के वफादार मतदाता रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि भाजपा ने 2002 के दंगों के बाद ज्यादातर मौकों पर जातियों से परे हिंदुओं के एकजुट वोट पर ध्यान दिया है।
भाजपा को ऐसे मिली मदद
कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस सूबे में कभी जीत का फॉर्मूला रही सोशल इंजीनियरिंग की अपनी पुरानी रणनीति केएचएएम (क्षत्रिय, हरिजन, आदिवासी और मुस्लिम) के घटकों में अल्पसंख्यक मतों को सुरक्षित करने में जुटी रही। वहीं आप और एआईएमआईएम ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक वोट बैंक में सेंध लगाई जिससे भाजपा को मदद मिली, जिसने चुनाव में एक भी मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था।
एआईएमआईए के खाते में 0.29 फीसद वोट शेयर
हालांकि यदि आप की सीटों को कांग्रेस के खाते में जोड़ दिया जाए तो भी कांग्रेस की 22 सीटें ही हो रही हैं। एआईएमआईएम का खाता तक नहीं खुला है। यदि वोट शेयर के लिहाज से देखें तो आप को 12.92 फीसदी जबकि एआईएमआईए के खाते में महज 0.29 फीसद वोट शेयर मिले हैं।
भारत जोड़ो यात्रा पर ज्यादा फोकस
दरअसल, कांग्रेस का पूरा प्रचार अभियान राहुल की भारत जोड़ो यात्रा के इर्द-गिर्द ज्यादा नजर आया। गुजरात में कांग्रेस ने उतनी दमदारी से जोर नहीं लगाया जितनी दमदारी से पिछले चुनाव में लगाया था।
सूबे में कोई बड़ा चेहरा नहीं
राहुल समेत कांग्रेस के शीर्ष चेहरे गुजरात में कम ही नजर आए। वहीं भाजपा के शीर्ष नेतृत्व समेत पूरी पार्टी ने सूबे में ताकत झोंक दी थी। इस सच्चाई से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। भाजपा ने सूबे में पीएम मोदी को ही चेहरा बनाकर पेश किया जिसके मुकाबिल कांग्रेस के पास कोई बड़ा चेहरा नजर नहीं आया।
भाजपा ने विवादों को भुनाया
पूरे चुनाव में आम आदमी पार्टी जितनी ताकत से भाजपा पर हमलावर नजर आई, उसके मुकाबले कांग्रेस की मुखरता स्पष्ट रूप से कम रही। पूरे चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल गुजरात में डेरा डाले रहे और आप की दावेदारी का दम भरते नजर आए। वहीं कांग्रेस नेताओं का ध्यान भारत जोड़ो यात्रा और हिमाचल में नजर आया। चुनाव के दौरान कांग्रेस नेताओं के विवादित बयानों की भी खूब चर्चा रही जिसे भाजपा ने भुनाने की कोशिशें की। भाजपा चुनाव प्रचार के दौरान मेधा पाटकर के साथ राहुल की तस्वीरों को उछाल कर कांग्रेस को गुजरात विरोधी बताती रही जिसका कांग्रेस की ओर से पुरजोर तरीके से पलटवार सामने नहीं आया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।