भाजपा ने खूब काटे टिकट, नए चेहरों को मौका; सूरत में क्यों नहीं किया ऐसा
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली सूचा जारी कर दी है। पार्टी ने अहमदाबाद नगर निगम में सख्त नो-रिपीट नीति को अपनाया है। वहीं सूरत में पुराने चेहरों पर दांव लगाया है।
गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पहली सूची जारी कर दी है। पार्टी ने अहमदाबाद नगर निगम में 'नो-रिपीट' फॉर्मूले को सख्ती से अपनाया है। जहां उम्मीदवार अपनी जीत योग्यता मानदंडों को पूरा करने में विफल रहे उन्हें बदल दिया। अहमदाबाद जिले की 16 में से 15 सीटों के लिए उम्मीदवारों की घोषणा कर दी गई है। केवल मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और दो मौजूदा विधायकों को यहां से टिकट दिया गया है। वत्व से उम्मीदवार की घोषणा नहीं की गई है।
सूरत को छोड़कर, आठ नगर निगम क्षेत्रों में ज्यादातर पुराने उम्मीदवारों की बजाय नए चेहरों को तरजीह दी गई है। राजकोट में बीजेपी ने चारों सीटों के उम्मीदवार बदल दिए हैं। वडोदरा में पांच में से तीन शहरी सीटों पर बदलाव देखा गया। कुल मिलाकर, पार्टी ने 39 शहरी सीटों में से 21 पर नए चेहरों को मैदान में उतारा है। पार्टी यहां उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप दे चुकी है।
हार्दिक पटेल, जिन्होंने मौजूदा सरकार के खिलाफ पाटीदार समुदाय के गुस्से को भड़काने और 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की संख्या को दो अंकों तक सीमित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, वह आगामी चुनाव में वीरमगाम से बीजेपी के टिकट पर लड़ेंगे। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि वह शहरी क्षेत्र में अपने बेहतरीन प्रदर्शन को जारी रखेगी।
2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शहरी क्षेत्र में 46 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी। शहरों में रुझान के बावजूद पार्टी ने ज्यादातर उम्मीदवारों को बदल दिया है जिससे लोग उम्मीदवार की बजाय पार्टी को वोट दें। सूरत में, जहां आप को एक खतरे के रूप में देखा जाता है, यहां पार्टी ने जाने-पहचाने चेहरों को मौका दिया है। सूरत सीट से बीजेपी ने 11 मौजूदा विधायकों में से नौ को बरकरार रखा है।
पूर्व सीएम रूपाणी और उनके पूर्व डिप्टी नितिन पटेल सहित बीजेपी के आधा दर्जन वरिष्ठ नेतओं के चुनावी दौड़ से बाहर होने के एक दिन बाद पार्टी ने पहली सूची जारी की है। 2017 में जो हार्दिक पटेल बीजेपी को कांटे की तरह चुभ रहे थे वो इस बार पार्टी के टिकट पर अपने गृहनगर वीरमगाम से चुनावी डेब्यू के लिए तैयार हैं। वहीं उनके समकालीन और ओबीसी अधिकार कार्यकर्ता अल्पेश ठाकोर गांधीनगर (दक्षिण) या राधनपुर से बीजेपी के टिकट की उम्मीद कर रहे हैं।
पार्टी का एक और नया चेहरा मनोज कुकरानी की 30 वर्षीय बेटी पायल कुकरानी है। मनोज को 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार में दोषी ठहराया गया था। राजकोट में, बीजेपी ने गुजरात के पहले आरएसएस प्रमुख पीवी दोशी की बेटी डॉ दर्शिता शाह को अपना उम्मीदवार बनाया है। वह राजकोट (पश्चिम) सीट से चुनाव लड़ेंगी, जिसका प्रतिनिधित्व कभी पीएम नरेंद्र मोदी किया करते थे और बाद में विजय रूपाणी ने किया।
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