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Biparjoy: बिपरजॉय की तबाही के बीच आई गुडन्यूज, तूफान की दहशत के बीच घरों में आईं खुशियां

चक्रवात बिपरजॉय भारत के इतिहास में सबसे लंबी अवधि का तूफान था। गुरुवार को तूफान गुजरात के तट से टकराया और तबाही के भयावह मंजर पीछे छोड़ गया। इस दौरान 700 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ।

Sneha Baluni हिन्दुस्तान टाइम्स, गांधीनगरSat, 17 June 2023 11:00 AM
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चक्रवात बिपरजॉय भारत के इतिहास में सबसे लंबी अवधि का तूफान था। गुरुवार को तूफान गुजरात के तट से टकराया और तबाही के भयावह मंजर पीछे छोड़ गया। इस चक्रवात के दौरान तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया जिनमें गर्भवती महिलाएं भी शामिल थी। सरकारी बयान के अनुसार, बिपरजॉय के दौरान 700 से ज्यादा बच्चों ने जन्म लिया। चक्रवात के कारण जान-माल के भारी नुकसान की आशंका को देखते हुए, सरकार ने 1,152 गर्भवती महिलाओं सहित लगभग एक लाख लोगों को पहले ही निकालकर सुरक्षित जगह पहुंचा दिया था। इनमें से 707 महिलाओं ने सफलतापूर्वक बच्चों को जन्म दिया।

सरकारी बयान के अनुसार, कच्छ जिले में लगभग 348, राजकोट में 100, देवभूमि द्वारका में 93, गिर सोमनाथ में 69, पोरबंदर में 30, जूनागढ़ में 25, जामनगर में 17, राजकोट महानगर पालिका में 12, जूनागढ़ नगर निगम में आठ, जामनगर नगर निगम में चार और मोरबी में एक बच्चे ने जन्म लिया। बता दें कि चक्रवात ने गुरुवार शाम गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह में लैंडफॉल किया। तटीय क्षेत्रों से सुरक्षित क्षेत्रों में भेजे गए 1,09,000 लोगों में 10,918 बच्चे और 5,070 वरिष्ठ नागरिक थे।

चक्रवात के लैंडफॉल के बाद, गुजरात के विभिन्न जिलों में लगातार बारिश और 140 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चली। मौसम विभाग ने शनिवार सुबह तक जामनगर, देवभूमि द्वारका, मोरबी और कच्छ में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। इन क्षेत्रों में एक-दो स्थानों पर अत्यधिक तेज बारिश होने की भी संभावना है। इसके अलावा, बनासकांठा और पाटन जिलों में रविवार सुबह तक भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है।

एनडीआरएफ के महानिदेशक (डीजी) अतुल करवाल ने शुक्रवार को कहा कि चक्रवात के कारण कोई मौत नहीं हुई है। हालांकि दो लोगों की मौत तेज हवाओं के कारण एक पेड़ के गिरने से हुई है। चक्रवात के दौरान 23 लोग घायल हुए थे। 10 दिनों तक अरब सागर में घूमने के बाद, चक्रवात अब सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र में कमजोर हो गया है। इसके आगमन और उत्तर पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में एक और पश्चिमी विक्षोभ की मौजूदगी से शुक्रवार दोपहर दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों सहित पड़ोसी राज्यों में बारिश हुई।

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