इमली के पैकेट पर MRP से ज्यादा दाम, सुपर मार्केट के खिलाफ 6 साल बाद जीता ग्राहक; अब मिलेंगे 1.5 रुपये
6 साल पहले इमली के पैकेट पर MRP से डेढ़ रुपया ज्यादा लेने के एक मामले में वड़ोदरा कंज्यूमर फोरम ने ग्राहक के पक्ष में फैसला सुनाया है। कंपनी पर 50 हजार जुर्माना और 1.5 रुपया वापस करने का आदेश दिया है।
ग्राहकों के हित के लिए बनाए गए कंज्यूमर कोर्ट के मामले आमतौर पर सुर्खियों में बने रहते हैं। कभी पैकेट में 1 बिस्कुट कम होने पर मुआवजा तो कभी ग्राहक से करोड़ो के गबन समेत ग्राहक अदालत के कई फैसले खूब सराहे जाते हैं। ऐसा ही एक ताजा मामला गुजरात के वड़ोदरा से सामने आया है। यहां 6 साल पहले इमली के पैकेट पर MRP से डेढ़ रुपये ज्यादा लेने के लिए युवक ने सुपर मार्केट के खिलाफ मामला दर्ज कराया था। अजब-गजब मामले में ग्राहक अदालत ने युवक के पक्ष में फैसला सुनाया है। फोरम ने सुपर मार्केट पर 50 हजार का फाइन लगाने के साथ-साथ ग्राहक को 9 परसेंट ब्याज के साथ 1.5 रुपये और कानूनी कार्रवाई में खर्च हुए 5000 रुपये देने का आदेश दिया है।
दरअसल, जुलाई 2017 में वड़ोदरा के रहने वाले अनंत पुंजानी ने एवेन्यू सुपरमारत से 200 ग्राम इमली का एक पैकेट खरीदा। इमली के पैकेट पर 35 रुपये 50 पैसे MRP यानी अधिकतम खुदरा मूल्य दर्ज थी लेकिन बिलिंग काउंटर पर उनसे 37 रुपये लिए गए। जिसके बाद ग्राहक ने स्टाफ से बात की लेकिन इस पर उन्होंने कोई हेल्प नहीं की और उसे MRP से डेढ़ रुपये अधिक देने ही पड़े। जिसके बाद अगस्त 2017 में ही अनंत ने कोसज्यूमर अदालत में मामला दर्ज कराया। 6 साल बाद मामले का फैसला हुआ जिसमें अनंत की जीत हुई।
वडोदरा जिला उपभोक्ता फोरम ने सुपरमार्केट को ग्राहक पुंजानी को 9% ब्याज के साथ 1.5 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। आदेश में कहा गया है कि सुपर मार्केट ने कई ग्राहकों से हर पैकेट पर डेढ़ रुपये ज्यादा लेकर अनैतिक काम किया है और इससे बड़ा फायदा भी कमाया है। एवेन्यू सुपरमार्ट्स को अनैतिक तरीके के कारण उपभोक्ता कल्याण कोष में 50,000 रुपये जमा करने और कानूनी लागत के रूप में पुंजानी को 5,000 रुपये का भुगतान करने का भी निर्देश दिया गया है।
सुनवाई के दौरान, कंपनी ने तर्क दिया था कि बिलिंग काउंटर पर बारकोड स्कैनर के चलते ये गति हुई थी। कंपनी का ऐसा कोई प्रयोजन नहीं थी। इसपर ग्राहक अनंत पुंजानी ने तर्क दिया कि उपभोक्ता आमतौर पर डीमार्ट जैसे बड़े स्टोर में उत्पाद पर प्रदर्शित एमआरपी पर भरोसा करते हैं और ऐसा करके उनके साथ चीटिंग की गई।
उपभोक्ता फोरम ने पुंजानी का पक्ष लेते हुए स्वीकार किया कि कई उपभोक्ता आम तौर पर छोटी-मोटी गलतियों के लिए बड़े सुपरमार्केट के खिलाफ शिकायत दर्ज नहीं करते हैं। फोरम ने कहा, "यह सुनिश्चित करने के लिए कि कंपनी भविष्य में ऐसी अनियमितता न अपनाए, उन पर बड़ी राशि का जुर्माना लगाना उचित है।"
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