3 महीने में सार्वजनिक स्थानों से 503 अनधिकृत धार्मिक ढांचे हटाए गए: गुजरात सरकार ने HC को बताया
गुजरात के एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल की बेंच को बताया कि राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन स्तर पर कमेटियां गठित करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं।
गुजरात सरकार ने सोमवार को हाईकोर्ट को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन करते हुए पिछले तीन साल में सार्वजनिक स्थलों से लगभग 503 अनधिकृत धार्मिक ढांचे हटाए गए हैं। एडवोकेट जनरल कमल त्रिवेदी ने चीफ जस्टिस सुनीता अग्रवाल की बेंच को बताया कि राज्य सरकार ने स्थानीय प्रशासन स्तर पर कमेटियां गठित करने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं। यह कमेटियां नियमित आधार पर ऐसे ढांचों को हटाने की निगरानी और पर्यवेक्षण करेंगी और संबंधित विभागों को स्टेटस रिपोर्ट प्रदान करेंगी।
त्रिवेदी ने कहा कि लगभग तीन महीनों में स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर याचिका पर 22 अप्रैल 2024 को सुनवाई किए जाने के बाद से 503 धार्मिक ढांचों को हटाया गया है, जिनमें से 236 जिला क्षेत्रों, जबकि 267 नगर निगम क्षेत्रों में थे।”
उन्होंने बताया कि इसके अलावा, नगर निगम क्षेत्रों में दो ऐसी संरचनाओं को नियमित किया गया है तथा 28 को शिफ्ट किया गया है, जिनमें से 17 जिले में तथा 11 नगर निगम क्षेत्रों में हैं।
राज्य के गृह विभाग के सचिव द्वारा 22 अप्रैल 2024 के आदेश के अनुसार दाखिल एक हलफनामे में अदालत को विवरण प्रदान किया गया है। एडवोकेट जनरल ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए लागू आदर्श आचार संहिता के दौरान कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा, स्थानीय अधिकारियों ने सार्वजनिक सड़कों, सार्वजनिक पार्कों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत संरचनाओं के लिए 2,975 नोटिस जारी किए हैं, जिनमें जिले में 954 और नगर निगम क्षेत्रों में 2,021 शामिल हैं। लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए स्थानीय समाचार पत्रों में कुल 897 नोटिस प्रकाशित किए गए।
त्रिवेदी ने बताया कि स्थानीय अधिकारियों ने स्थानीय धार्मिक प्रमुखों के साथ 294 बैठकें कीं और उनसे ऐसे अनधिकृत ढांचे हटाने का आग्रह किया।
उन्होंने हाईकोर्ट को बताया कि राज्य सरकार ने 19 अप्रैल 2024 को एक दिशानिर्देश तैयार किया है, जिसमें स्थानीय अधिकारियों को 10 दिन के भीतर कमेटियां गठित करने का निर्देश दिया गया है। त्रिवेदी ने कहा कि कमेटियों द्वारा उठाए गए कदमों की हर तिमाही समीक्षा की जाती है।
पिछली सुनवाई में सरकार ने हाईकोर्ट को बताया था कि दिशानिर्देश समयबद्ध क्रियान्वयन, निगरानी, पर्यवेक्षण और निरीक्षण से संबंधित प्रावधानों के साथ जारी किए गए थे और इसका पालन न करने पर अधिकारियों की जवाबदेही तय की गई थी।
हाईकोर्ट ने 2006 में वडोदरा नगर निगम द्वारा सार्वजनिक स्थान पर अतिक्रमण करने वाले कथित धार्मिक ढांचों को हटाने के लिए चलाए गए तोड़फोड़ अभियान के संबंध में स्वविवेक से कार्यवाही शुरू की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत धार्मिक संरचनाओं की पहचान करने और उन्हें हटाने, शिफ्ट करने या नियमित करने के संबंध में एक व्यापक नीति तैयार करने का निर्देश दिया था।
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