मां की कब्र को टूटने से बचा लीजिए; क्यों एक बेटे ने गुजरात हाईकोर्ट का खटखटाया दरवाजा
एक बेटे ने अपनी मां की कब्र बचाने को गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है। गोमतीपुर के चारटोडा कब्रिस्तान निवासी मोहम्मद इरशाद अंसारी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें उसने अपनी मां की कब्र बचाने की गुहार लगाई है।
एक बेटे ने अपनी मां की कब्र बचाने को गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया है। गोमतीपुर के चारटोडा कब्रिस्तान निवासी मोहम्मद इरशाद अंसारी हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। जिसमें उसने अपनी मां की कब्र बचाने की गुहार लगाई है। दरअसल, नगर निगम ने सड़क विस्तार के लिए विभिन्न दुकानों और आवासीय इकाइयों को तोड़ने के लिए सीमांकित किया है। जिसके अंदर कब्र भी आ रही है।
अंसारी उन 41 याचिकाकर्ताओं में शामिल है जिन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। बाकी याचिकाकर्ताओं ने अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) द्वारा गोमतीपुर इलाके में हाथीखाई के पास सड़क को चौड़ा करके चारटोडा कब्रिस्तान की दीवार के साथ शहर नियोजन योजना (टाउन प्लानिंग स्कीम) के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में घरों और दुकानों को तोड़ने की कोशिश पर आपत्ति जताई है।
इसी बीच, अंसारी ने अदालत से एएमसी को अपनी मां हबीबुन्निसा की कब्र को न तोड़ने का निर्देश देने का आग्रह किया, जो ध्वस्तीकरण के लिए निर्धारित क्षेत्र के अंकर्गत आती है। अंसारी की मां की 2020 में कोविड महामारी के दौरान मौत हो गई थी। याचिका में, अंसारी ने तर्क दिया कि उनकी मां की कब्र को कवर करने वाली सीमांकन रेखा ने उनकी भावनाओं को ठेस पहुंचाई है क्योंकि वह मृतक के लिए धार्मिक प्रार्थना करने के लिए अक्सर कब्र पर जाते रहे हैं।
दरअसल, चारटोडा कब्रिस्तान में दो मस्जिदों, घरों और दुकानों सहित 241 स्ट्रक्चर हैं, जिसका स्वामित्व और प्रबंधन अहमदाबाद सुन्नी मुस्लिम वक्फ समिति के पास है। दुकानों और घरों के कब्जेदारों का दावा है कि यह जमीन समिति की है और वे समिति को किराया दे रहे हैं। याचिकाकर्ताओं ने कहा है कि एएमसी के पास उन्हें खाली कराने का अधिकार नहीं है, खासकर बिना किसी निष्कासन नोटिस के।
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