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पूरे देश में हुए उपचुनाव, केवल विसावदर सीट को रखा अलग; गुजरात HC में ECI के खिलाफ जनहित याचिका

गुजरात के विसावदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। कोर्ट में उपचुनाव में हो रही देरी को लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के खिलाफ याचिका दायर की गई है।

Sneha Baluni अहमदाबाद। हिन्दुस्तान टाइम्सThu, 3 Oct 2024 02:02 PM
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गुजरात के विसावदर विधानसभा सीट पर उपचुनाव कराने को लेकर गुजरात हाईकोर्ट में जनहित याचिका (पीआईएल) दायर की गई है। कोर्ट में उपचुनाव में हो रही देरी को लेकर भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के खिलाफ याचिका दायर की गई है। यह सीट 13 दिसंबर, 2023 को भूपेंद्र भयानी के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी। दिसंबर 2022 में आम आदमी पार्टी (आप) के टिकट पर चुनाव लड़कर जीतने वाले भयानी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की खबरों के बीच इस्तीफा दे दिया। अदालत इस मामले में 4 अक्टूबर को सुनवाई होगी।

तालुका पंचायत सावलिया के निर्वाचित सदस्य और आप के सदस्य कैलाश सावलिया द्वारा दायर याचिका में दावा किया गया है कि उपचुनाव कराने में देरी से स्थानीय शासन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है, क्योंकि प्रतिनिधि की अनुपस्थिति से क्षेत्र में विकास परियोजनाओं और सरकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में बाधा उत्पन्न हुई है। याचिका में कहा गया है, 'समय पर चुनाव कराना यह सुनिश्चित करने के लिए जरूरी है कि निर्वाचन क्षेत्र का विधानसभा में प्रतिनिधित्व हो और ऐसा करके जनहित में इसके निवासियों के हितों और कल्याण की रक्षा की जा सकती है।'

याचिका में कहा गया है कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत, किसी सीट के खाली होने के छह महीने के भीतर उपचुनाव कराया जाना चाहिए, जबतक की विशेष परिस्थितियां ऐसा करने से ना रोकें। याचिका के अनुसार, 16 मार्च, 2024 को पूरे देश में अन्य रिक्त सीटों के लिए उपचुनावों की अधिसूचना जारी होने के बावजूद, विसावदर निर्वाचन क्षेत्र को इसमें शामिल नहीं किया गया।

जनहित याचिका में इस बात का भी जिक्र है कि भयानी के चुनाव को पहले भाजपा उम्मीदवार हर्षद रिबडिया और अन्य ने गुजरात हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। याचिका में कहा गया है कि भयानी को 2021 में सरपंच के पद से हटाए जाने और अपने नामांकन पत्र में संपत्ति का खुलासा करने में विफल रहने के कारण चुनाव लड़ने से अयोग्य घोषित किया गया था। याचिकाकर्ता ने ईसीआई को जल्द से जल्द उपचुनाव कराने का निर्देश देने में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की है।

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