Hindi Newsगुजरात न्यूज़mixopathy poses severe risks to people's health, Gujarat IMA opposes proposal

गुजरात के डॉक्टर्स ने किया 'मिक्सोपैथी' का विरोध, इससे इलाज को बताया लोगों के लिए खतरनाक

  • IMA ने सरकार से सुरक्षित और साक्ष्य-आधारित चिकित्सा पद्धतियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है, क्योंकि मिक्सोपैथी को अनुमति या बढ़ावा देने से गलत इलाज सहित खतरनाक परिणाम सामने आ सकते हैं।

Sourabh Jain भाषा, अहमदाबाद, गुजरातWed, 1 Jan 2025 12:20 PM
share Share
Follow Us on

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की गुजरात शाखा ने 'मिक्सोपैथी' को लेकर चेतावनी जारी की है। उसका कहना है कि इससे लोगों के स्वास्थ्य पर ‘गंभीर खतरा’ पैदा हो सकता है। इस बारे में आईएमए ने सांसदों को एक पत्र लिखा है, जिसमें उसने सांसदों से गुजरात के लोगों के स्वास्थ्य पर इस तरह के फैसलों से पड़ने वाले दीर्घकालिक प्रभाव पर विचार करने का अनुरोध किया है। 'मिक्सोपैथी' से यहां मतलबविभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को मिलाकर लोगों के इलाज करने से है, जैसे एलोपैथी या अन्य आधुनिक तरीकों के साथ होम्योपैथी और आयुर्वेद की दवाइयां देने से है।

गुजरात IMA ने यह चेतावनी राज्य के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ गुजरात मेडिकल काउंसिल, गुजरात बोर्ड आफ आयुर्वेद एंड यूनानी सिस्टम ऑफ मेडिसिन और गुजरात काउंसिल ऑफ होम्योपैथी सिस्टम ऑफ मेडिसिन आदि के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाए जाने के कुछ दिनों बाद जारी की है। इस बैठक में आयुर्वेद डॉक्टर्स को एलोपैथी प्रैक्टिस करने की अनुमति देने के मुद्दे पर चर्चा होनी है। हालांकि, आईएमए ने इस विचार का विरोध किया है। गुजरात आईएमए ने मिक्सोलॉजी या मिक्सोपैथी की प्रथा को "गैरकानूनी" बताया है।

स्वास्थ्य विभाग द्वारा 27 दिसंबर को जारी और आईएमए गुजरात द्वारा साझा किए गए पत्र के अनुसार, प्रधान सचिव धनंजय द्विवेदी की अध्यक्षता में बैठक 3 जनवरी, 2025 को बुलाई गई है। विभिन्न निर्वाचित प्रतिनिधियों को संबोधित कर लिखे गए इस पत्र में, आईएमए ने कहा, ‘हम आपसे विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के बीच शुचिता और सामंजस्य बनाए रखने और चिकित्सा शिक्षा एवं प्रैक्टिस में ‘मिक्सोपैथी या शॉर्टकट’ को अपनाने का समर्थन करने से बचने का आग्रह करते हैं। ‘मिक्सोपैथी’ हमारे नागरिकों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है।’

आईएमए गुजरात के पत्र में कहा गया है कि इस तरह की सोच प्रत्येक चिकित्सा पद्धति की शुचिता और विशेषज्ञता को कमजोर करती है, जिससे रोगी की देखभाल से समझौता होता है और संभावित सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट पैदा होता है। आईएमए ने सरकार से सुरक्षित और साक्ष्य-आधारित चिकित्सा पद्धतियों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है, क्योंकि मिक्सोपैथी की अनुमति देने या बढ़ावा देने से गलत निदान, अनुचित उपचार और गंभीर, प्रतिकूल घटनाओं सहित खतरनाक परिणाम हो सकते हैं।

आईएमए गुजरात के अध्यक्ष डॉ मेहुल शाह और अन्य पदाधिकारियों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र में विभिन्न निर्वाचित प्रतिनिधियों से गुजरात के लोगों के स्वास्थ्य पर ऐसे निर्णयों के दीर्घकालिक प्रभावों पर विचार करने का अनुरोध किया गया है। स्वास्थ्य, चिकित्सा सेवा और चिकित्सा शिक्षा आयुक्त हर्षद पटेल को लिखे एक पत्र में, गुजरात आईएमए ने मिक्सोलॉजी या मिक्सोपैथी की प्रथा को "गैरकानूनी" बताया है।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें