गुजरात में पत्रकारिता की डिग्री लिए शख्स कर रहा था फर्जीवाड़ा, खुद को बताता था मुख्यमंत्री का करीबी
- आरोपी ने दिसंबर में ठाकोर को फिर से फोन किया और सूरत के मांडवी में आधार कार्ड अपडेट करने में भ्रष्टाचार के बारे में बात की। राय ने कहा कि जब आरोपी ने 2 जनवरी को शिकायतकर्ता से संपर्क किया, तो उन्हें उस पर शक हुआ।
गुजरात के नवसारी शहर में खुद को मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) का अधिकारी बताकर फर्जीवाड़ा करने वाले एक शख्स को गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को इस बात की जानकारी देते हुए एक अधिकारी ने बताया कि आरोपी का नाम नितेश चौधरी है, जिसे रविवार को गिरफ्तार किया गया। आरोपी का कहना था कि वह 20 साल से मुख्यमंत्री कार्यालय में काम कर रहा है, और मुख्यमंत्री की बैठकों का प्रबंधन करने की जिम्मेदारी उसी के पास है।
इस मामले में दर्ज FIR के अनुसार, आरोपी ने दावा किया कि उसके पास मास कम्युनिकेशन और पत्रकारिता में मास्टर डिग्री है और उसे गुजरात लोक सेवा आयोग के माध्यम से सीधे सीएमओ में नियुक्त किया गया था और वह पिछले 20 वर्षों से वहां काम कर रहा था।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुलिस उप-अधीक्षक संजय राय ने बताया कि SDM (उप-विभागीय मजिस्ट्रेट) जनम ठाकोर से मिली शिकायत के बाद इस मामले में नवसारी ग्रामीण पुलिस ने मामला दर्ज किया। आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 204 (लोक सेवक का रूप धारण करना या सार्वजनिक पद पर होने का झूठा दावा करना) के तहत मामला दर्ज किया है।
शिकायतकर्ता एसडीएम ठाकोर ने अपनी शिकायत में बताया कि आरोपी ने कई मौकों पर उनसे फोन पर सम्पर्क किया और दावा किया कि वह सीएमओ से बोल रहा है। ठाकोर के अनुसार आरोपी ने पहली बार उनसे तब संपर्क किया था, जब वह सूरत के बारडोली में प्रांत अधिकारी के रूप में तैनात थे। इस दौरान आरोपी ने उनके साथ एक भूमि हड़पने के मामले पर चर्चा की थी।
इसके बाद एसडीएम का ट्रांसफर जब नवसारी में हो गया, तो आरोपी चौधरी ने सिसोदरा में एक भूमि हड़पने के मामले में बात करने के लिए एकबार फिर उनसे संपर्क किया। बातचीत के दौरान आरोपी ने दावा कि वह पिछले 20 सालों से सीएमओ में काम कर रहा है और मुख्यमंत्री का भरोसेमंद भी है। साथ ही उसका कहना है कि उसे प्रमोशन के बाद दिल्ली ट्रांसफर होने की उम्मीद थी।
ठाकोर के मुताबिक आरोपी फर्जी अधिकारी चौधरी ने दावा किया कि एक व्यक्ति ने सीएमओ से शिकायत की थी कि भूमि हड़पने के एक मामले में समझौता सुनिश्चित करने के बहाने उससे 40 लाख रुपए की ठगी की गई और उसने ठाकोर से मामले की जांच करने का अनुरोध किया।
आरोपी ने 30 दिसंबर, 2024 को फिर से ठाकोर को फोन किया और सूरत के मांडवी में आधार कार्ड अपडेट करने में भ्रष्टाचार के बारे में बात की। राय ने कहा कि जब आरोपी ने 2 जनवरी को शिकायतकर्ता से संपर्क किया, तो उन्हें उस पर शक हुआ और उन्होंने उससे पूछताछ की।
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