गुजरात में UCC पर काम शुरू, पहली मीटिंग में क्या फैसले लिए? SC की रिटायर्ड जज ने बताया
- उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद अब नंबर गुजरात का है। आज समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर दिशानिर्देश बनाने के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति की बैठक हुई। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) ने की।

उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने के बाद अब नंबर गुजरात का है। आज समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पर दिशानिर्देश बनाने के लिए गठित पांच सदस्यीय समिति की बैठक हुई। गांधीनगर में हुई मीटिंग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई (सेवानिवृत्त) ने की। मीटिंग की जानकारी देते हुए जस्टिस देसाई ने कहा कि आज से हम अपना काम शुरू कर रहे हैं। हमें यह देखना है कि गुजरात में यूसीसी कैसे लागू की जा सकती है।
गुजरात में यूसीसी को लेकर सीएम भूपेंद्र पटेल ने पिछले महीने ही पांच सदस्यीय समित बनाई थी जिसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई के हाथों में दी थी। आज उसी समिति की पहली बैठक थी। बैठक की अध्यक्षता जस्टिस रंजना ने ही की थी। जस्टिस देसाई ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि गुजरात सरकार ने समिति बनाई है। आज से हम अपना काम शुरू कर रहे हैं। हमें यह देखने का काम सौंपा गया है कि राज्य में समान नागरिक संहिता (UCC) कैसे लागू की जा सकती है। हम दो उप-समितियां बनाएंगे - एक जनता से राय लेने के लिए और दूसरी मसौदा तैयार करने के लिए है।
रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने आगे कहा कि गुजरात सरकार ने एक समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक समिति बनाई है। आज एक बैठक हुई और यह तय किया गया कि एक टीम बनाई जाएगी और उसके सदस्य जनता से राय लेंगे। जो भी सुझाव और आपत्तियां इकट्ठी होंगी, उन पर चर्चा की जाएगी, और फिर हम अपना काम शुरू करेंगे। टीम का गुजरात के जिलों का दौरा आज से शुरू होगा। टीम जनजातियों और विभिन्न धार्मिक नेताओं से मिलेगी और हम एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करेंगे। इसके बाद, एक मसौदा कोड तैयार किया जाएगा और फिर सरकार को पेश किया जाएगा। हम सार्वजनिक परामर्श के लिए सरकार से थोड़ा और समय मांगेंगे, हालांकि हम इसे जल्द पूरा करने की कोशिश करेंगे।
इससे पहले 5 फरवरी को सीएम भूपेंद्र पटेल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यूसीसी को लेकर पूरी जानकारी दी थी। सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय समिति को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए 45 दिनों का समय दिया गया है,जिसे एक विधेयक के लिए ध्यान में रखा जाएगा। यह घोषणा गुजरात को जनवरी में उत्तराखंड के लागू होने के बाद सामान्य संहिता को लागू करने की दिशा में बढ़ने वाला नवीनतम भाजपा शासित राज्य बनाती है।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गांधीनगर में इस फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के व्यापक राष्ट्रीय दृष्टिकोण का हिस्सा है। पटेल ने कहा कि समान नागरिक संहिता की आवश्यकता का आकलन करने और इसके लिए एक मसौदा विधेयक तैयार करने के लिए,हमने उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक समिति बनाने का फैसला किया है।
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