गुजरात में किसान परिवार ने अपनी कार को दी समाधि, धूमधाम के साथ जमीन में गाड़ा; जानिए वजह
- कार को जमीन में समाधि देने के लिए पोलारा परिवार ने अपने खेत में लगभग 15 फुट गहरा गड्ढा खुदवाया था, साथ ही उस गड्ढे में कार को आसानी से पहुंचाने के लिए एक ढलान भी बनवाई गई थी।
गुजरात से अमेरील जिले से एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां पर रहने वाले एक किसान परिवार ने अपनी 15 साल पुरानी 'लकी' कार को बेचने की बजाए विधिवत तरीके से उसे अपने खेत में गाड़ दिया, ताकि उसकी यादें हमेशा उनके साथ ही बनी रहें। इसके लिए परिवार के सदस्य अपनी उस भाग्यशाली कार को बड़े ही धूमधाम के साथ अपने खेत तक लाए और समाधि देने के बाद उन्होंने उसकी याद में रात्रिभोज भी दिया।
यह मामला अमरेली की लाठी तालुका के पादरशिंगा गांव का है, जहां रहने वाले संजय पोलारा और उनके परिवार ने उनकी लकी कार को गुरुवार को समाधि दी। इस मौके पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें साधु-संतों और आध्यात्मिक नेताओं सहित आसपास के लगभग डेढ़ हजार लोग शामिल हुए। यह आयोजन पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बन गया।
परिवार का कहना है कि वह समाधिस्थल पर एक पेड़ लगाएंगे ताकि आने वाली पीढ़ियों को यह याद रहे कि पेड़ के नीचे परिवार की लकी कार मौजूद है। कार को समाधि देने के आयोजन का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें पोलारा और उनके परिवार के सदस्य अपने खेत में कार के लिए खोदे गड्ढे में मंत्रोच्चार करते हुए दिखाई दे रहे हैं। साथ ही उनकी 15 साल पुरानी वैगनआर कार फूल-मालाओं से लदी हुई नजर आ रही है।
कार को जमीन में समाधि देने के लिए पोलारा परिवार ने अपने खेत में लगभग 15 फुट गहरा गड्ढा खुदवाया था, साथ ही उस गड्ढे में कार को आसानी से पहुंचाने के लिए एक ढलान भी बनवाई गई थी। इसके बाद कार को रिवर्स करते हुए उस ढलान के जरिए गड्ढे तक ले जाया गया और फिर हरे रंग का एक कवर चढ़ाकर परिवार के सदस्यों ने उसकी पूजा-अर्चना की साथ ही गुलाब की पंखुड़ियां बरसाते हुए उसे विदाई दी। इस दौरान वहां मौजूद पुजारी मंत्रोच्चार करते रहे।
आखिरी में वहां बुलवाई गई एक JCB की मदद से कार पर मिट्टी डालकर उसे हमेशा के लिए समाधि दे दी गई। इस वैगनआर कार का नम्बर GJ05-CD7924 था। जिसे पोलारा परिवार अपने लिए बहुत ही शुभ मानता था।
कार के मालिक संजय पोलारा सूरत में कंस्ट्रक्शन का व्यवसाय करते हैं और इस आयोजन को लेकर उन्होंने बताया कि वह कुछ अलग करना चाहते थे ताकि आने वाली पीढ़ियां उस कार को याद रखें जो परिवार के लिए भाग्यशाली साबित हुई।
पत्रकारों से बात करते हुए पोलारा ने कहा, 'मैंने यह कार करीब 15 साल पहले खरीदी थी और इसके आने के बाद परिवार में समृद्धि आई। व्यवसाय में सफलता के अलावा मेरे परिवार को सम्मान भी मिला। यह गाड़ी मेरे और मेरे परिवार के लिए भाग्यशाली साबित हुई। इसलिए इसे बेचने के बजाय हमेशा इसकी यादों को संजोए रखने के लिए मैंने अपने खेत में इसे समाधि दे दी।'
पोलारा ने बताया कि कार को समाधि देने और अन्य आयोजन पर उन्होंने करीब 4 लाख रुपए खर्च किए हैं। उन्होंने बताया कि वह समाधिस्थल पर एक पेड़ लगाना चाहते हैं, ताकि आने वाली पीढ़ियों को याद रहे कि परिवार की भाग्यशाली कार इस पेड़ के नीचे मौजूद है।
समाधि समारोह हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संतों और धार्मिक नेताओं की मौजूदगी में हुआ, जिसके लिए लगभग 1,500 लोगों को आमंत्रित किया गया था और एक भोज का आयोजन भी रखा गया था। (एजेंसी इनपुट के साथ)
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