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GST धोखाधड़ी में पत्रकार महेश लांगा अरेस्ट, अहमदाबाद क्राइम ब्रांच का एक्शन; 20 लाख कैश और ज्लेवरी बरामद

गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा को जीएसटी से जुड़े कथित धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि लांगा के घर से 20 लाख रुपये कैश, कुछ सोने के ज्वेलरी और जमीन के कागजात बरामद किए गए।

Sneha Baluni लाइव हिन्दुस्तानWed, 9 Oct 2024 07:00 AM
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गुजरात की अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने मंगलवार को वरिष्ठ पत्रकार महेश लांगा को जीएसटी से जुड़े कथित धोखाधड़ी के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया। सूत्रों ने बताया कि लांगा के घर से 20 लाख रुपये कैश, कुछ सोने के ज्वेलरी और जमीन के कागजात बरामद किए गए। सेंट्रल जीएसटी विभाग की शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने अहमदाबाद, जूनागढ़, सूरत, खेड़ा और भावनगर में 14 जगहों पर छापेमारी की, जिसके बाद यह गिरफ्तारी हुई।

फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल

क्राइम ब्रांच ने कहा कि उसे सूचना मिली थी कि 200 से ज्यादा फर्जी कंपनियां कथित तौर पर फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट के जरिए धोखाधड़ी में शामिल थीं। कंपनियों ने कथित तौर पर टैक्स की चोरी को आसान बनाने के लिए फर्जी पहचान और दस्तावेजों का इस्तेमाल किया। सेंट्रल जीएसटी को महेश लांगा की पत्नी और पिता के नाम पर फर्जी दस्तावेज मिले, जिनका इस्तेमाल उन फर्जी कंपनियों में संदिग्ध लेन-देन के लिए किया गया था।

पत्रकार गिरफ्तार

क्राइम ब्रांच ने एक बयान में कहा, 'शुरुआती जांच से पता चलता है कि फर्जी बिलिंग, फर्जी दस्तावेज और गलत तरीके के जरिए सरकार को करोड़ों रुपये का राजस्व चूना लगाने की साजिश रची गई।' डिप्टी पुलिस कमिश्नर (अपराध) अजीत राजियन ने कहा कि 'द हिंदू' अखबार में काम करने वाले वरिष्ठ पत्रकार को विस्तृत पूछताछ के बाद आगे की जांच के लिए गिरफ्तार कर लिया गया। क्राइम ब्रांच ने इस मामले के सिलसिले में ध्रुवी एंटरप्राइज, ओम कंस्ट्रक्शन, राज इंफ्रा, हरेश कंस्ट्रक्शन कंपनी और डीए एंटरप्राइज समेत कई लोगों और संस्थाओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है।

200 से ज्यादा कंपनियां शामिल

क्राइम ब्रांच ने प्रेस रिलीज में कहा, 'ऐसा लगाता है कि फर्जी तरीके से ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ का लाभ लेकर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने में संगठित तरीके से देशभर में सक्रिय 200 से अधिक फर्जी कंपनी शामिल थीं। टैक्स चोरी के लिए ऐसी कंपनी बनाने के लिए जाली दस्तावेजों और फर्जी पहचान का इस्तेमाल किया गया।' इसमें कहा गया कि जाली बिल और जाली दस्तावेजों का उपयोग करके देश को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाने की साजिश में एक 'बड़ा समूह' काम कर रहा है।

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