Hindi Newsगुजरात न्यूज़AAP and Congress MLAs are under house arrest police gave the reason

गुजरात में मृत आदिवासियों को श्रद्धांजलि देने जा रहे AAP व कांग्रेस विधायक नजरबंद, पुलिस ने बताई वजह

  • आम आदमी पार्टी के डेडियापाड़ा विधायक और आदिवासी नेता चैतर वसावा और वंसदा से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने प्रार्थना सभा के लिए केवड़िया जाने की योजना बनाई थी, लेकिन पुलिस की तरफ से अनुमति नहीं मिलने से उनकी योजना सफल नहीं हो पाई।

Sourabh Jain लाइव हिन्दुस्तानTue, 13 Aug 2024 06:03 PM
share Share

गुजरात में AAP (आम आदमी पार्टी) और कांग्रेस के एक-एक विधायक को मंगलवार को नजरबंद कर दिया गया और उनके समर्थकों को हिरासत में ले लिया गया। ये दोनों पिछले सप्ताह नर्मदा जिले में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी पर दो आदिवासियों की पिटाई से हुए मौत के बाद उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए जाना चाहते थे, लेकिन उनके निकलने से पहले ही पुलिस ने उन्हें घर में नजरबंद कर दिया। कार्रवाई को लेकर पुलिस ने कहा कि उसने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (एसओयू) के पास केवड़िया में मृत आदिवासियों की प्रार्थना सभा के लिए अनुमति नहीं दी थी।

पुलिस अधीक्षक प्रशांत सुम्बे ने बताया कि इस मामले में आम आदमी पार्टी के डेडियापाड़ा विधायक व आदिवासी नेता चैतर वसावा को नर्मदा जिले में उनके पैतृक बोगाज गांव में नजरबंद रखा गया, जबकि पड़ोसी नवसारी जिले के वंसदा से कांग्रेस विधायक अनंत पटेल ने भी पुलिस द्वारा उनके खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई का दावा किया।

पटेल ने अपने एक्स अकाउंट पर एक पोस्ट में अपने आवास पर कुछ पुलिसकर्मियों को दिखाने वाला एक वीडियो शेयर करते हुए दावा किया गया कि 'वंसदा के आदिवासी विधायक अनंत पटेल को केवड़िया के आदिवासी युवाओं के लिए न्याय मांगने के लिए जाते समय रोका गया, हिरासत में लिया गया और नजरबंद कर दिया गया। हम हर अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और जीतेंगे।' इस पोस्ट में संलग्न किया गया था।

बोगाज में पांच अन्य लोगों को भी नजरबंद रखा गया। नर्मदा पुलिस नियंत्रण कक्ष के एक अधिकारी ने कहा कि 58 लोगों को हिरासत में भी लिया गया। उधर

इससे पहले 6 अगस्त को नर्मदा जिले के केवड़िया में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास निर्माणाधीन 'आदिवासी संग्रहालय' स्थल पर छह मजदूरों के एक समूह ने चोरी के शक में कथित तौर पर दो आदिवासियों- जयेश तड़वी और संजय तड़वी की पिटाई कर दी थी। मजदूरों ने दोनों आदिवासियों को बांधकर पीटा था, जिससे जयेश की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि गम्भीर रूप से घायल संजय ने 8 अगस्त को राजपीपला के एक सरकारी अस्पताल में दम तोड़ दिया था।

एक पुलिस अधिकारी के अनुसार संजय तड़वी ने मरने से पहले दिए गए बयान में बताया था कि वह और जयेश खेतिहर मजदूर थे और बेचने के लिए कुछ धातु का कबाड़ चुराने की उम्मीद में निर्माण स्थल में घुसे थे। इस दौरान उन्हें पकड़ लिया गया और फिर उनकी पिटाई की गई।

वारदात के बाद पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता और अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत हत्या और अन्य अपराधों के तहत मामला दर्ज करते हुए छह लोगों को गिरफ्तार किया था। साल 2019 में, केंद्र सरकार ने स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों के योगदान को याद करने के लिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास 'आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी संग्रहालय' बनाने की मंजूरी दी थी। यह वारदात इसी के निर्माण स्थल पर हुई।

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।

अगला लेखऐप पर पढ़ें