800 से 2000 में फुल एक्सेस, 22 टेलीग्राम चैनल को बेचे महिलाओं के अश्लील वीडियो; गुजरात में यूं पकड़े गए 3 आरोपी
गुजरात के अस्पतालों में महिलाओं की चिकित्सा जांच के वीडियो अपलोड करने के आरोप में पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में दो महाराष्ट्र और एक उत्तर प्रदेश का है। तीनों आरोपियों ने महिलाओं के अश्लील वीडियो बेचने के लिए कम से कम 22 टेलीग्राम चैनल चलाए।
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गुजरात के अस्पतालों में महिलाओं की चिकित्सा जांच के वीडियो अपलोड करने के आरोप में पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों में दो महाराष्ट्र और एक उत्तर प्रदेश का है। जांच में खुलासा हुआ है कि तीनों आरोपियों ने महिलाओं के अश्लील वीडियो बेचने के लिए कम से कम 22 टेलीग्राम चैनल चलाए और एक साल में लगभग 8 लाख रुपये कमाए। आरोपियों ने महाकुंभ में स्नान करने वाली महिलाओं के वीडियो भी साझा किए थे।
जांच से पता चला कि आरोपी 'मेघा डेमोस ग्रुप' के बैनर तले काम करते थे। 'सीसीटीवी इंजेक्शन ग्रुप', 'लेबर रूम इंजेक्शन ग्रुप' और 'गंगा रिवर ओपन बाथिंग ग्रुप' जैसे नाम वाले ये चैनल अनधिकृत वीडियो वितरित करने वाले प्लेटफॉर्म थे। साइबर क्राइम अधिकारियों ने बताया कि कुछ कंटेंट में अस्पताल के लेबर रूम, मेडिकल जांच और बस स्टैंड, मैरिज हॉल, पार्लर और यहां तक कि गंगा नदी जैसे सार्वजनिक क्षेत्रों की गुप्त रिकॉर्डिंग शामिल थी, जहां लोग कुंभ में पवित्र स्नान करते हैं।
टीओआई के अनुसार, अहमदाबाद सिटी क्राइम ब्रांच और साइबर क्राइम ब्रांच ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। जिसमें महाराष्ट्र के लातूर का निवासी कथित मास्टरमाइंड प्रज्वल तैली, सांगली का प्रज पाटिल और उत्तर प्रदेश के प्रयागराज का चंद्रप्रकाश फूलचंद शामिल हैं। साइबर क्राइम के अधिकारियों ने बताया कि तैली और पाटिल नीट उम्मीदवार थे, जो लातूर में किराए के घर में एक साथ तैयारी करते थे। आगे की जांच में पता चला कि उन्होंने 'डेमो ग्रुप' में प्रीव्यू ऑफर करके संभावित ग्राहकों को लुभाया और 'प्रीमियम ग्रुप' में फुल एक्सेस के लिए 800 रुपये से 2,000 रुपये के बीच शुल्क लिया।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस अवैध ऑपरेशन के जरिए मुख्य संदिग्ध प्रज्वल और प्रज ने करीब 8 लाख रुपये कमाए। साइबर क्राइम पुलिस ने शुक्रवार को उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया और उन्हें सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया। यह मामला पिछले हफ्ते तब सामने आया जब शहर की साइबर क्राइम शाखा ने राजकोट अस्पताल के लेबर और चेक-अप रूम में महिलाओं के अश्लील वीडियो मिलने के बाद स्वतः संज्ञान लेते हुए जांच शुरू की।
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