आपकी लोकेशन जानना चाहता है Youtube, अब मांगेगा परमिशन; यह है वजह
सामने आया है कि वीडियो प्लेटफॉर्म Youtube अब यूजर्स से उनकी लोकेशन परमिशन मांगेगा और उनकी लोकेशन जानना चाहता है। ऐप का दावा है कि यह परमिशन देने वाले यूजर्स को पर्सनलाइज्ड ऐड दिखाए जाएंगे।
लोकप्रिय वीडियो स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म Youtube अपने यूजर्स की लोकेशन पता लगाना चाहता है। अब सामने आया है कि यूट्यूब ऐपल यूजर्स से लोकेशन परमिशन मांगेगा, जिससे उन्हें पर्सनलाइज्ड विज्ञापन दिखाए जा सकें। यूट्यूब की ओर से यह बदलाव Apple की App Tracking Transparency (ATT) पॉलिसी का पालन करने के लिए किया गया है, जो ऐप डेवलपर्स को यूजर्स से उनके डाटा को ट्रैक करने की परमिशन लेने के लिए कहता है।
नई रिपोर्ट में बताया गया है कि आप पहली बार अपने iOS डिवाइस पर YouTube ऐप खोलेंगे, तो आपको एक प्रॉम्प्ट दिखाई देगा। इसमें पूछा जाएगा कि क्या आप YouTube को अपनी ऐक्टिविटी और लोकेशन ट्रैक करने की परमिशन देना चाहते हैं। अगर आप परमिशन देते हैं, तो YouTube आपके लोकेशन डाटा के साथ आपकी ऐक्टिविटी का इस्तेमाल काम के ऐड दिखाने के लिए करेगा।
दो ऑप्शंस में से चुन पाएंगे यूजर्स
Allow Permission: अगर आप इस ऑप्शन को चुनते हैं, तो YouTube आपकी ऐक्टिविटी ट्रैक कर पाएगा और आपको ज्यादा पर्सनलाइज्ड विज्ञापन दिखाए जाएंगे।
Ask App not to track: अगर आप यह विकल्प चुनते हैं, तो YouTube आपकी ऐक्टिविटी को ट्रैक नहीं कर पाएगा और आपको पर्सनलाइज्ड विज्ञापन नहीं दिखाएगा।
इसलिए जरूरी है यह बदलाव
यह बदलाव Apple यूजर्स को उनकी प्राइवेसी पर ज्यादा कंट्रोल देता है। वे अब यह चुन सकते हैं कि वे YouTube के साथ कितना डाटा शेयर करना चाहते हैं। जो यूजर्स अपनी प्राइवेसी को लेकर ज्यादा अलर्ट हैं और उन्हें पर्सनलाइज्ड ऐड नहीं देखते, वे चुन सकते हैं कि उन्हें अपनी लोकेशन या ऐक्टिविटी ट्रैक नहीं करवानी।
यह बदलाव YouTube को कैसे प्रभावित करेगा?
यह देखना बाकी है कि यह बदलाव YouTube के विज्ञापन राजस्व को कैसे प्रभावित करेगा। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि इससे राजस्व में कमी आ सकती है, क्योंकि कुछ यूजर्स अपनी गतिविधि को ट्रैक करने की अनुमति नहीं देना चुन सकते हैं।
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