SBI की वॉर्निंग, CBI और इनकम टैक्स के नाम पर हो रहा बड़ा फ्रॉड, वॉट्सऐप वीडियो कॉल से हो रहा खेल
SBI ने CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर किए जा रहे फ्रॉड से सावधान रहने के लिए कहा है। बैंक ने कहा कि साइबर क्रिमिनल खुद को सीबीआई और इनकम टैक्स का अधिकारी बताते हुए लीगल ऐक्शन और भारी जुर्माने की धमकी देकर ग्राहकों को डरा रहे हैं।
SBI (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया) के ग्राहकों के ऊपर एक नए तरह के फ्रॉड का खतरा मंडरा रहा है। ईटी की रिपोर्ट से अनुसार एसबीआई ने अपने ग्राहकों को CBI और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर किए जा रहे फ्रॉड से सावधान रहने के लिए कहा है। बैंक ने कहा कि साइबर क्रिमिनल खुद को सीबीआई और इनकम टैक्स का अधिकारी बताते हुए लीगल ऐक्शन और भारी जुर्माने की धमकी देकर ग्राहकों को डरा रहे हैं और पैसे ले रहे हैं। इस फ्रॉड में फंसाने के लिए जालसाज ग्राहकों को ज्यादातर वॉट्सऐप वीडियो कॉल करते हैं।
KYC डीटेल देकर जीतते हैं ग्राहकों का भरोसा
ग्राहकों का भरोसा जीतने के लिए शातिर साइबर क्रिमिनल बड़ी चालाकी से निजी जानकारी और KYC डीटेल देते हैं। आमतौर पर जालसाजों की इस ट्रिक से ग्राहकों को भरोसा हो जाता है कि कॉल फर्जी नहीं है। इसके बाद जालसाज ग्राहकों को कहते हैं कि उनके पास उनकी इनकम टैक्स डीटेल्स मौजूद हैं। इनकम टैक्स डीटेल्स को साइबर क्रिमिनल आसानी से डेटा डेटा और दूसरे पब्लिक सोर्स से ले सकते हैं।
लीगल ऐक्शन का दिखाते हैं डर
ग्राहकों को अपने सही होने का भरोसा दिलाने के बाद साइबर क्रिमिनल्स का असली खेल शुरू करते हैं। इसमें ये जालसाज शिकार को टैक्स चोरी या किसी लीगल मैटर की फर्जी कहानी सुना कर अरेस्ट होने का डर दिखाते हैं। फर्जी कहानी के इस जाल में ग्राहक फंस जाते हैं और साइबर क्रिमिनल इसी डर का फायदा उठा कर ग्राहक के साथ बड़ा स्कैम कर देते हैं। कुछ मामलों में जालसाद फर्जी पूछताछ का भी नाटक करके ग्राहक के आधार और बैंक डीटेल्स को जानने की कोशिश करते हैं।
अरेस्ट से बचने के लिए मांगते हैं बड़ी रकम
ग्राहकों को पूरी तरह अपने जाल में फंसाने के बाद साइबर क्रिमिनल खुद ही इससे बचने का तरीका बताते हैं और इसके बदले ग्राहकों से बड़ी रकम की मांग करते हैं। इस रकम को जालसाज अलग-अलग बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने को कहते हैं और साथ ही यह भरोसा दिलाते हैं कि जांच पूरी होने के बाद ये पैसे उन्हें वापस कर दिए जाएंगे।
खुद को ऐसे रखे सेफ
1- कॉलर और मेसेज भेजने वाले की आइडेंटिटी को वेरिफाई करें। सही ऑर्गनाइजेशन ग्राहकों से फोन, एसएमएस या वीडियो कॉल पर सेंसिटिव इन्फर्मेशन की मांग नहीं करते।
2- अनजान नंबर से दी गई लीगल ऐक्शन वाली धमकी पर ध्यान न दें। असली संस्थान आपको हमेशा सही तरीके से कॉन्टैक्ट करेगा और इसमें आपको जवाब देने के लिए भी पूरा समय मिलेगा।
3- किसी भी अनधिकृत गतिविधि की जानकारी तुरंत अपने बैंक को दें।
4- बैंक अकाउंट की सेफ्टी के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन को इनेबल करें और यूनीक पासवर्ड का इस्तेमाल करें।
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