पाकिस्तान की हर मिसाइल, हर ड्रोन फुस्स; ऐसे धूल चटा रहा है भारत का एयर डिफेंस सिस्टम
पाकिस्तान की ओर से भारत पर किए जा रहे ड्रोन और मिसाइल अटैक्स लगातार नाकाम किए जा रहे हैं और इसके लिए एयर डिफेंस सिस्टम जिम्मेदार है। आइए बताएं कि यह सिस्टम कैसे काम करता है।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है और सीमा पर लगातार ड्रोन से हमले किए जा रहे हैं। भारतीय ड्रोन और मिसाइलें जहां पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को ध्वस्त करने में सफल रही हैं, वहीं पाकिस्तान की हर कोशिश नाकाम हो रही है। पाकिस्तानी ड्रोन्स और मिसाइलों को भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने हवा में ही ध्वस्त कर दिया है और पड़ोसी देश बार-बार सिर पीटने पर मजबूर हो रहा है। आइए समझें कि एयर डिफेंस सिस्टम क्या होता है और कैसे काम करता है।
क्या होता है एयर डिफेंस सिस्टम?
एयर डिफेंस सिस्टम देश की हवाई सीमाओं की सुरक्षा के लिए डिवेलप की गई एक स्ट्रेटजिक डिफेंस सिस्टम (रणनीतिक रक्षा प्रणाली) होती है, जिसका मकसद दुश्मन की तरफ से आने वाले हवाई खतरों को वक्त रहते पहचानकर उन्हें खत्म करना होता है। इसमें रेडार, सेंसर्स, कमांड कंट्रोल यूनिट और इंटरसेप्टर मिसाइलें या गन सिस्टम शामिल होते हैं।
कैसे काम करता है एयर डिफेंस सिस्टम?
जैसे ही दुश्मन की कोई मिसाइल, लड़ाकू विमान, ड्रोन या दूसरा कोई ऑब्जेक्ट देश की सीमा में एंटर करता है, एयर डिफेंस सिस्टम सबसे पहले रेडार के जरिए उस ऑब्जेक्ट को ट्रैक करता है। फिर यह जानकारी कमांड एंड कंट्रोल सेंटर तक भेजी जाती है, जो उस खतरे का एनालिसिस करके तय करता है कि कब, कहां और कैसे जवाब देना है।
एक बार टागरेट का पता लगते ही सिस्टम से जुड़ी इंटरसेप्टर मिसाइल या गन सिस्टम को ऐक्टिव किया जाता है, जो दुश्मन के ऑब्जेक्ट, ड्रोन, मिसाइल या विमान को हवा में ही मार गिराने की कोशिश करता है। लेटेस्ट एयर डिफेंस सिस्टम इतनी एडवांस्ड टेक्नोलॉजी के साथ आते हैं कि वे एकसाथ कई टारगेट्स को पहचान सकते हैं और उन पर ऐक्शन ले सकते हैं।
भारत की सुरक्षा करता है S-400 ट्रायंफ
भारत के पास भी अब एक एक एयर डिफेंस सिस्टम है जिसे रूस से खरीदा गया है, जिसे S-400 ट्रायंफ नाम दिया गया है। यह सिस्टम दुनिया के सबसे पावरफुल एयर डिफेंस प्लेटफॉर्म्स में से एक माना जाता है और इसे रूस की कंपनी अल्माज-एंते ने डिवेलप किया है। भारत ने 2018 में रूस के साथ लगभग 5.43 अरब डॉलर का समझौता करके पांच S-400 यूनिट खरीदने का फैसला किया था।
पहला सिस्टम भारत को 2021 में मिला और इसका मकसद चीन और पाकिस्तान से होने वाले किन्हीं हवाई हमलों से देश की रक्षा करना है। S-400 सिस्टम की मारक क्षमता 400 किलोमीटर तक की है और यह एक साथ 100 से ज्यादा टारगेट्स को ट्रैक कर सकता है। यह सिस्टम चार अलग-अलग रेंज की मिसाइल्स से लैस है, जिससे यह बहुत ही फ्लेक्सिबल है और मल्टीलेवल सिक्योरिटी दे सकता है।
S-400 ट्रायंफ की खासियत यह भी है कि यह एक साथ 36 से ज्यादा टारगेट्स पर हमला कर सकता है, जिससे भारत को एक मजबूत और मल्टीलेवल एयर डिफेंस मैकेनिज्म मिला है। इसे देश का सुदर्शन चक्र भी कहा जा रहा है।
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