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मेटा पर लगा ऐंटीट्रस्ट डेटा शेयरिंग बैन, कुछ WhatsApp फीचर्स पर कंपनी लगा सकती है ब्रेक

वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा हाल में आए ऐंटीट्रस्ट फैसले के कारण अपने कुछ फीचर्स को भारत में रोल बैक यानी वापस ले सकती है। CCI ने ऐडवर्टाइजिंग की जरूरतों के लिए वॉट्सऐप को मेटा के साथ यूजर के डेटा को शेयर करने पर बैन लगा दिया है।

Kumar Prashant Singh लाइव हिन्दुस्तानWed, 15 Jan 2025 06:59 PM
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वॉट्सऐप यूजर्स को तगड़ा झटका लग सकता है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार वॉट्सऐप की पैरेंट कंपनी मेटा हाल में आए ऐंटीट्रस्ट फैसले के कारण अपने कुछ फीचर्स को भारत में रोल बैक यानी वापस ले सकती है। Competition Commission of India (CCI) ने ऐडवर्टाइजिंग की जरूरतों के लिए वॉट्सऐप को मेटा के साथ यूजर के डेटा को शेयर करने पर बैन लगा दिया है। इस फैसले के चलते फेसबुक और इंस्टाग्राम सहित मेटा को अपने प्लेटफार्म्स पर पर्सनलाइज्ड ऐड्स को दिखाने में परेशानी हो सकती है।

मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना

सीसीआई के नवंबर के फैसले में कथित तौर पर पाया गया था कि मेटा ने वॉट्सऐप यूजर्स को नई प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए मजबूर किया और अपने मार्केट में अपने प्रभाव का भी गलत इस्तेमाल किया था। इस पॉलिसी ने यूजर्स डेटा शेयरिंग के दायरे को बढ़ाया, जिससे मेटा को अपने कॉम्पिटिटर्स से ज्यादा फायदा मिला। सीसीआई ने अपने ऑर्डर में मेटा पर 24.5 मिलियन डॉलर का जुर्माना लगाया और भारत में मेटा की डेटा-शेयरिंग पर पांच साल का प्रतिबंध लगा दिया।

फैसले को चुनौती दे रहा मेटा

दूसरी तरफ मेटा भी इस फैसले को चुनौती दे रहा है। हाल ही में अदालत में दायर एक याचिका में कंपनी ने चिंता व्यक्त की कि वॉट्सऐप और मेटा के बीच डेटा शेयरिंग पर बैन से उसकी पर्सनलाइज्ड ऐड दिखाने में परेशानी होगी। मेटा ने बताया कि भारतीय व्यवसायों को फेसबुक और इंस्टाग्राम पर यूजर्स को प्रभावी ढंग से टारगेट करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा। इससे खासतौर से ऐसे बिजनेस पर ज्यादा असर पड़ेगा जो वॉट्सऐप पर ग्राहकों के साथ बातचीत करते हैं।

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कंपनी की अपील इस बात पर जोर देती है कि डेटा-शेयरिंग पॉलिसी मेटा के डेटा कलेक्शन का विस्तार नहीं करती है बल्कि केवल बिजनेस फीचर्स के बेहतर इंटीग्रेशन की अनुमति देती है। हालांकि, CCI ने यह कहते हुए असहमति जताई कि वॉट्सऐप की पॉलिसी यूजर्स को उन शर्तों को स्वीकार करने के लिए मजबूर करती है जिन्हें वे पूरी तरह से नहीं समझते हैं और उनके पास इससे बाहर निकलने का कोई विकल्प भी नहीं है। आयोग अब इस बात पर जोर दे रहा है कि वॉट्सऐप यूजर्स को यह चुनने की अनुमति दे कि वे अपना डेटा मेटा के साथ शेयर करना चाहते हैं या नहीं।

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