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4 महीने में जालसाजों ने लगाया 7000 करोड़ रुपये का चूना, साइबर क्राइम से ऐसे रहें सेफ

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के पहले चार महीनों में ही अलग-अलग तरह के साइबर क्राइम में भारतीयों को 7061 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है।

Arpit Soni लाइव हिन्दुस्तानFri, 24 May 2024 11:51 AM
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देश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। आपको जानकारी हैरानी होगी कि भारत के नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर रोजाना लगभग 7,000 साइबर संबंधी शिकायतें दर्ज की जाती हैं। इंडियन साइबर क्राइम कॉर्डिनेटर सेंटर (I4C) से पता चलता है कि इन धोखाधड़ी का एक बड़ा हिस्सा कंबोडिया, म्यांमार और लाओस से आता है। साइबर क्राइम से जुड़ा एक और आंकड़ा आपको चौंका देगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 के पहले चार महीनों में ही अलग-अलग तरह के साइबर क्राइम में भारतीयों को 7061.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

I4C के सीईओ राजेश कुमार ने बुधवार को कहा कि इन अपराधों में इस्तेमाल किए जाने वाले कई वेब एप्लीकेशन मंदारिन (Mandarin) भाषा में लिखे गए हैं। इससे भारत को प्रभावित करने वाले साइबर अपराधों में चीन का हाथ होने की संभावना बढ़ जाती है। दिलचस्प बात यह है कि चीन भी इसी तरह के स्कैम का शिकार है।

तेजी से बढ़ रहे हैं साइबर क्राइम के मामले, नीचे दिया डेटा एक चौंकाने और परेशान करने वाला ट्रेंड दिखाता है:

आपको जानकर हैरानी होगी कि 2024 (30 अप्रैल तक) में कुल 7,40,000 शिकायतें दर्ज की जा चुके हैं। जबकि पिछले साल 2023 में 1.56 मिलियन शिकायतें, 2022 में 9,66,000 शिकायतें, 2021 में 4,52,000 शिकायतें, 2020 में 2,57,000 शिकायतें और 2019 में केवल 26,049 शिकायतें दर्ज की गई थीं।

भारतीय अलग-अलग तरह के स्कैम में अपनी मेहनत की कमाई खो रहे हैं। सीईओ ने कहा कि पिछले कुछ महीनों में देश में साइबर अपराधों में कुल 7,061.51 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, जिसमें से "हम लगभग 12 प्रतिशत वापस प्राप्त करने में सक्षम हुए हैं, जो लगभग 812.72 करोड़ रुपये है"।

बीते चार महीनों में इन स्कैम्स को सबसे ज्यादा देखा गया:

डिजिटल अरेस्ट स्कैम: 120.30 करोड़ रुपये

ऑनलाइन ट्रेडिंग स्कैम: 1,420.48 करोड़ रुपये

इन्वेस्टमेंट स्कैम (टास्क-बेस्ड): 222.58 करोड़ रुपये

रोमांस/डेटिंग स्कैम: 13.23 करोड़ रुपये

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कैसे काम करते हैं ये स्कैम?

जालसाज अलग-अलग तरीकों से लोगों को फंसाते हैं, जिसमें कॉल स्पूफिंग, सरकारी अधिकारी होने का दिखावा करना, लुभावने जॉब ऑफर देना और कुछ घंटे ऑनलाइन काम करके ढेर सारा पैसा कमाने जैसी चीजें शामिल है।

कुमार ने बताया कि इन दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों में साइबर अपराधी फर्जी नौकरी की पेशकश के साथ भारतीयों को भर्ती करने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। एक बार भर्ती होने के बाद, इन व्यक्तियों को साइबर स्कैम में भाग लेने के लिए मजबूर किया जाता है, जिसमें इन्वेस्टेंट स्कैम, ट्रेडिंग ऐप स्कैम और डेटिंग स्कैम शामिल हैं। आपराधी भारतीयों को निशाना बनाने के लिए भारतीय सिम कार्ड का उपयोग करते हैं।

पिछले चार महीनों में, अधिकारियों ने साइबर अपराध से निपटने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने 3,25,000 फर्जी अकाउंट फ्रीज कर दिए हैं, आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत 3,000 से अधिक यूआरएल और 595 ऐप ब्लॉक कर दिए हैं, और जुलाई 2023 से 5,30,000 सिम कार्ड और 80,848 IMEI नंबर निलंबित या रद्द कर दिए हैं।

ऐसे स्कैम से खुद को कैसे बचाएं?

- अक्सर लोगों को फंसाने के लिए ईमेल, टेक्स्ट, सोशल मीडिया ऐप के जरिए ऐसे मैसेज भेजते हैं, जिसमें कुछ घंटे काम करके मोटा पैसा कमाने या फिर बड़े रिटर्न देने का वादा करने वाली लुभावनी इन्वेस्टमेंट स्कीम बताई जाती है। अगर अननोन नंबर या फिर अननोन सोर्स से ऐसे मैसेज आएं, तो सतर्क रहें। यह स्कैम हो सकता है।

- कई बार वॉट्सऐप या फिर अन्य सोर्स पर अचानक एक मैसेज आता है, जिसमें सामने वाला खुद को किसी बड़ी कंपनी का एचआर बताता है और मोटी सैलरी वाली जॉब ऑफर करता है। ऐसे मैसेज आने पर अलर्ट हो जाएं, क्योंकि ये फेक हो सकता है। बेहतर होगा कि इस तरह के जॉब या फिर इन्वेस्टमेंट ऑफर को इग्नोर करें।

- अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल को हमेशा प्राइवेट रखें। अनजान व्यक्तियों के साथ, खासकर मैसेजिंग ऐप पर, कभी भी लॉगिन क्रेडेंशियल, पर्सनल डिटेल शेयर न करें।

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- अननोन नंबर से आई लिंक या फाइल को कभी भी अपने फोन में डाउनलोड न करें। यह मलिशियल लिंक/फाइल हो सकती है और इससे हैकर दूर बैठकर भी आपके फोन का पूरा कंट्रोल पा सकता है।

- सीधे गूगल पर बैंकिंग या फिर अन्य किसी सर्विस का टोल फ्री नंबर सर्च न करें। क्योंकि हैकर जाल बिछाए बैठे हैं। बेहतर होगा कि आप ऑफिशियल वेबसाइट पर जाएं या सीधे संबंधित ऑफिस ही चलें जाएं।

- सबसे महत्वपूर्ण साइबर धोखाधड़ी हो जाने पर तुरंत साइबर क्राइम पोर्टल (https://www.cybercrime.gov.in) पर रिपोर्ट करें या मदद के लिए 1930 पर कॉल करें।

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