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फर्जी कॉल्स पर सरकार ने फिर दिखाई सख्ती, अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दिया बड़ा आदेश

साइबर धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एक सलाह भेजी है, जिसमें उन्हें उन एप्लिकेशन को हटाने का निर्देश दिया गया है जो यूजर्स को उनकी कॉलर आईडी में हेरफेर करने में सक्षम बनाते हैं। डिटेल में जानिए है पूरा मामला:

Himani Gupta लाइव हिन्दुस्तानWed, 19 Feb 2025 06:20 PM
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फर्जी कॉल्स पर सरकार ने फिर दिखाई सख्ती, अब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को दिया बड़ा आदेश

साइबर धोखाधड़ी और फेक कॉल्स पर अंकुश लगाने के लिए, केंद्र सरकार ने फेसबुक, इंस्टाग्राम और एक्स सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एक सलाह भेजी है, जिसमें उन्हें उन एप्लिकेशन को हटाने का निर्देश दिया गया है जो यूजर्स को उनकी कॉलर आईडी में हेरफेर करने में सक्षम बनाते हैं। सरकार की नई एडवाइजरी के मुताबिक, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को 28 फरवरी तक इन नियमों का पालन करना होगा।

दूरसंचार विभाग (DOT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और एप्लीकेशन होस्टिंग सर्विसेज को एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें कॉलिंग लाइन आइडेंटिफिकेशन (सीएलआई) या कॉलर आईडी स्पूफिंग को सुविधाजनक बनाने या बढ़ावा देने वाले कंटेंट और एप्लीकेशन को तत्काल हटाने की मांग की है। यह कदम फ़ोन नंबर छिपाने के लिए टेक्नोलॉजी का दुरुपयोग कर रहे लोगों के खिलाफ है।

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गैर-कानूनी है Caller Id बदलना

बता दें कि फोन कॉल की असली पहचान (CLI) से छेड़छाड़ करना गैर-कानूनी है। यह दूरसंचार अधिनियम 2023 के तहत सख्त रूप से बैन है। किसी भी व्यक्ति को झूठे दस्तावेजों के जरिए सिम कार्ड या अन्य टेलीकॉम ID लेने की अनुमति नहीं है। दूरसंचार अधिनियम का उल्लंघन करने पर 3 साल तक की जेल या 50 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। दूरसंचार विभाग ने यह भी साफ किया है कि अगर कोई ऐप या वेबसाइट CLI स्पूफिंग को बढ़ावा देती है तो उसे भी बंद किया जाएगा।

CLI क्या है?

सीएलआई, जिसे कॉलर आईडी स्पूफिंग के रूप में भी जाना जाता है, एक धोखाधड़ी तकनीक है जिसमें कॉलर किसी और के रूप में दिखने के लिए अपना फोन नंबर बदल देता है। इस धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए स्कैमर्स द्वारा कई ऐप्स का उपयोग किया जाता है और लोगों को अपनी पर्सनल और फाइनेंशियल डिटेल्स शेयर करने के लिए जोर दिया जाता है।

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