जानलेवा क्यों साबित हो रहा है Google Maps? चूके तो हो सकते हैं हादसे का शिकार
गूगल मैप्स की मदद से सफर करने वालों के साथ हादसे होने के कई मामले सामने आए हैं। ऐसे में इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं और सुरक्षित होने को लेकर यूजर्स चिंता जता रहे हैं।

दुनिया के सबसे बड़े नेविगेशन प्लेटफॉर्म Google Maps की खामी के चलते सड़क हादसों के कई मामले सामने आ रहे हैं। ट्रैफिक से बचने से लेकर किसी नए शहर में अनजान रास्तों पर सफर करने के लिए लाखों यूजर्स इस सेवा की मदद लेते हैं लेकिन हाल ही में हुए सड़क हादसों से इसकी विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हुए हैं। सवाल उठता है कि टेक्नोलॉजी के एडवांस्ड होने के बावजूद इस तरह की जानलेवा गलतियां कैसे हो रही हैं। आइए इस बारे में समझने की कोशिश करते हैं।
कैसे काम करता है Google Maps?
गूगल मैप्स एक नेविगेशन सिस्टम के तौर पर ग्लोबल पोजीशनिंग सिस्टम (GPS), सैटेलाइट डाटा, यूजर फीडबैक और ट्रैफिक अपडेट्स के साथ सबसे फास्ट और बेहतर रास्ता दिखाता है। यूजर्स को नेविगेशन के लिए कई सोर्सेज से डाटा दिखाया जाता है, जिसमें सैटेलाइट इमेजरी, सरकारी और प्राइवेट ऑर्गनाइजेशंस का डाटा, रोड यूजर्स की लोकेशन और स्पीड, गूगल स्ट्रीट व्यू और लोकल गाइड्स से इकट्ठा किया गया डाटा सब इसका हिस्सा होता है।
इन वजहों से गलतियां कर सकता है Google Maps
अगर आप हर बार गूगल मैप्स पर आंख बंद करके भरोसा करने वालों में से हैं तो यह गलती भारी पड़ सकती है। आइए बताएं कि गूगल मैप्स गलतियां क्यों कर रहा है और इसके लिए कौन सी बातें जिम्मेदार हो सकती हैं।
1. रियल-टाइम डाटा की लिमिट्स
गूगल मैप्स अक्सर ट्रैफिक या रास्तों की जानकारी को रियल-टाइम में अपडेट करता है, लेकिन कई बार यह जानकारी लेट या अधूरी हो सकती है। उदाहरण के लिए, कोई सड़क मरम्मत के कारण बंद हो गई हो, लेकिन उसका अपडेट गूगल को तुरंत ना मिले तो मैप पर वह रास्ता दिखता रहेगा।
2.मैन्युअल अपडेट में गलतियां
मैप्स पर कई बार लोकेशंस या रूट्स मैन्युअली अपडेट किए जाते हैं और यूजर्स कोई चेक-पॉइंट, लोकेशन या रूट अपडेट कर सकते हैं। अगर किसी ने गलत लोकेशन टैग कर दी, तो अन्य यूजर्स उसी गलत रूट पर जा सकते हैं और हादसों का शिकार हो सकते हैं।
3. ऑटोमैटेड एल्गोरिद्म की खामियां
गूगल का एल्गोरिद्म 'सबसे छोटा' या 'सबसे तेज' रास्ता दिखाने की कोशिश करता है, लेकिन वो रास्ता सुरक्षित है या नहीं, यह हमेशा तय नहीं कर पाता। यही वजह है कि कई बार यूजर्स ऐसे संकरे या खतरनाक रास्तों पर पहुंच जाते हैं जो पहाड़ी, फिसलन भरे या खराब कंडीशन में होते हैं।
4. ग्रामीण एरिया और ऑफ-रोड डाटा की कमी
ग्रामीण इलाकों या कम ट्रैफिक वाले रास्तों की जानकारी गूगल के पास अक्सर अधूरी या आउटडेटेड होती है। ऐसे में ड्राइवर अनजाने में खतरनाक रास्तों पर निकल पड़ते हैं।
5. ज्यादा निर्भरता
बहुत से लोग गूगल मैप्स पर आंख बंद कर भरोसा करते हैं, बिना अपने आस-पास के साइनबोर्ड या स्थानीय लोगों से बात किए बस चल पड़ते हैं। यह आदत कई बार उन्हें जोखिम में डाल देती है।
खुद को सुरक्षित रखने का तरीका यह है कि आप गूगल मैप्स पर आंख बंद करके भरोसा ना करें और आसपास के लोगों से रास्ता कन्फर्म कर लें। साथ ही तेज स्पीड में ड्राइविंग ना करें, जिससे अचानक रास्ता खराब होने या फिर खत्म होने पर आप ब्रेक लगा सकें।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।