हर महीने ₹500 वसूलेगा Google Chrome, आ गया पेड वर्जन; जानिए किसे देने होंगे पैसे
गूगल ने फ्री और पेड ऑप्शन के साथ क्रोम का एक नया वर्जन पेश किया है, जिसका नाम क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम (Chrome Enterprise Premium) है। जानिए किसे देना पड़ेंगे पैसे और कितनी है कीमत।
इंटरनेट पर कोई भी वेबसाइट ओपन करना हो तो सबसे पहले दिमाग में Google Chrome का ही नाम आता है। गूगल क्रोम अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर यूज किया जाने वाला एक फ्री ब्राउजर है, लेकिन अब गूगल इसका पेड वर्जन लेकर आ गया है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि गूगल ने फ्री और पेड ऑप्शन के साथ क्रोम का एक नया वर्जन पेश किया है, जिसका नाम क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम (Chrome Enterprise Premium) है। इसे खासतौर से ऑर्गेनाइजेशन और बिजनेस के लिए डिजाइन किया गया है, जिसमें पैसे लेकर कंपनी एडिशनल फीचर्स मुहैया कराएगी। कंपनी ने यह भी दावा किया है कि नया क्रोम वर्जन मैलवेयर, स्पाइवेयर और फिशिंग अटैक जैसी चीजों से फुल ऑनलाइन डेटा प्रोटेक्शन प्रदान करेगा। यानी नए वर्जन में डेटा चोरी होने की टेंशन खत्म हो जाएगा।
किसके लिए है क्रोम का नया वर्जन?
जैसा कि नाम से पता चलता है, क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम उन ऑर्गेनाइजेशन, एंटरप्राइज और व्यवसायों के लिए है, जो डेटा प्रोटेक्शन के लिए थर्ड-पार्टी के सॉफ्टवेयर पर निर्भर रहते हैं। नए वर्जन के साथ, गूगल एंटीवायरस या एंटी-मैलवेयर ऐप्स डाउनलोड करने की जरूरत को समाप्त करते हुए, सीधे ब्राउजर के अदंर ही डेटा प्रोटेक्शन टूल पेश कर रहा है। गूगल का कहना है कि क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम नई खामियों (बग), कस्टमाइज्ड साइट परमिशन, संदिग्ध ऐड-ऑन और अन्य चीजों से मशीन और उसमें स्टोर डेटा की सुरक्षा के लिए, ऑटोमैटिक अपडेट का उपयोग करता है।
यानी खासतौर से गूगल का यह नया क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम वर्जन, बिजनेस से जुड़ी जरूरतों को टारगेट कर रहा है। लेकिन सेफ्टी फीचर्स की उपलब्धता मॉडल पर निर्भर करेगी, यानी फ्री कोर मॉडल में डेटा लॉस को रोकने और मैलवेयर डीप स्कैनिंग जैसे जरूरी टूल्स नहीं मिलेंगे, जबकि पेड प्रीमियम एडिशन में ये सारे जरूरी टूल्स मिलेंगे।
प्रोडक्टिविटी फ्लो बढ़ाने के लिए क्रोम एंटरप्राइज अन्य एंटरप्राइज सॉफ्टवेयर जैसे गूगल वर्कस्पेस के साथ कम्पैटिबल है। क्रोम एंटरप्राइज किसी ऑर्गेनाइजेशन के आईटी डिपार्टमेंट को कर्मचारियों की मशीनों पर इंस्टॉल किए गए सभी क्रोम ब्राउजर्स को मैनेज करने की भी सुविधा देता है, जिसमें उनके द्वारा इंस्टॉल किए गए एक्सटेंशन और उनके वेब ऐप्स तक एक्सेस भी शामिल है। प्रीमियम वर्जन में डेटा स्कैनिंग फीचर्स के साथ, आईटी डिपार्टमेंट निश्चिंत हो सकता है कि सिस्टम में कोई मलिशियस ऐप्स या एक्सटेंशन इंस्टॉल नहीं किए गए हैं।
देखा जाए तो, क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम में मिलने वाले फीचर्स, रेगुलर क्रोम वर्जन की तुलना में ज्यादा एडवांस हैं, ये ऑर्गेनाइजेशन्स के लिए उपयोगी हैं न की इंडिविजुअल्स के लिए।
कितने देने होंगे पैसे?
क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम, एंटरप्राइजेज के लिए $6 प्रति माह पर उपलब्ध है। यानी लगभग 500 रुपये महीने में। नया वर्जन अब आमतौर पर उपलब्ध है, जिसका मतलब है कि एंटरप्राइजेज और बिजनेसस अब क्रोम एंटरप्राइज प्रीमियम की वेबसाइट के जरिए इसके बारे में पूछताछ कर सकते हैं या अपग्रेड के लिए मौजूदा रिलेशनशिप मैनेजर से बात कर सकते हैं।
(फोटो क्रेडिट-memeburn)
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