Hindi Newsमनोरंजन न्यूज़वेब सीरीजHeeramandi Aditi Rao Hydari Role Inspired Tawaif Gauhar Jaan Who Helped Gandhiji Fight British Raj She Raped At 13 Age

Heeramandi: वह तवायफ जिसने गांधी को ब्रिटिश राज से लड़ने में की थी मदद, 13 साल की उम्र में हुआ रेप और...

  • भंसाली का ये वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई है। लाहौर के तवायफों के मशहूर मोहल्ले पर आधारित है। इस सीरीज में बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों ने अपनी एक्टिंग से सभी को हैरान कर दिया।

Priti Kushwaha लाइव हिन्दुस्तानMon, 13 May 2024 11:36 AM
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Heeramandi: संजय लीला भंसाली की पीरियड ड्रामा वेब सीरीज 'हीरामंडी: द डायमंड बाजार' इस वक्त काफी चर्चा में बनी हुई है। भंसाली का ये वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर हाल ही में रिलीज हुई है। लाहौर के तवायफों के मशहूर मोहल्ले पर आधारित है। इस सीरीज में बॉलीवुड के कई दिग्गज कलाकारों ने अपनी एक्टिंग से सभी को हैरान कर दिया। एक तरफ जहां भंसाली की इस बहुचर्चित सीरीज की जहां एक तरफ तारीफ हो रही है वहीं, दूसरी तरफ इसकी आलोचना करने वालों की कमी नहीं है। और इसी तरह एक वेश्या की कहानी भी है, जिसने 'हीरामंडी' की तरह ही ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ उठने का साहस किया।

हीरामंडी में बिब्बोजान ने की स्वतंत्रता सेनानियों की आर्थिक रूप से मदद

भंसाली की हीरामंडी में अदिति राव हैदरी उन 6 मेन लीड कैरेक्टरर्स में से एक हैं। सीरीज में वो बिब्बोजान के किरदार में नजर आ रही हैं। जो भले ही मल्लिकाजान के कोठे की एक तवायफ है, लेकिन वो गुप्त रूप से भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान अंग्रेजों के खिलाफ काम करने वाले क्रांतिकारियों की मदद करती है। शो में दिखाया गया है कि कैसे बिब्बोजान अंग्रेजों के खिलाफ युद्ध में स्वतंत्रता सेनानियों की आर्थिक रूप से मदद करती है और आखिरकार उन्हें इसके लिए क्या कीमत चुकानी पड़ती है।

लाहौर नहीं बल्कि बनारस की है वो मशहूर तवायफ

ये वास्तविक घटना को हीरामंडी ने जिस प्रकरण से लिया गया वो लाहौर में नहीं हुआ था, न ही वह भारत छोड़ो आंदोलन के आसपास हुआ था। बल्कि ये घटना साल 1920 के दशक में बनारस की है, जब इस इलाके की सबसे मशहूर तवायफ गौहर जान थीं। उस दौरान, महात्मा गांधी, जो हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे, उन्होंने ब्रिटिश राज से लड़ने के लिए स्वराज निधि की शुरुआत की थी। उस दौरान गांधी की मुलाकात गौहर जान से हुई, जो उस दौर में करोड़पति थीं और सबसे धनी भारतीयों में गिनी जाती थीं। 1920 में, गांधी ने स्वराज आंदोलन के लिए धन जुटाने के लिए गौहर जान से धन जुटाने के लिए मदद मांगी थी। इसके बाद गौहर जान ने डांस परफॉर्म करने के लिए हां तो कह दिया था, लेकिन इसके लिए उन्होंने एक शर्त रखी थी कि इसमें गांधी को भाग लेना होगा।

वादा तोड़ने पर गांधी को नहीं दिए थे पूरे पैसे

गौहर जान ने अपने वादे के अनुसार डांस परफॉर्म किया, लेकिन वहां पर गांधी नहीं आए। उन्होंने अपनी जगह पर प्रतिनिधि के रूप में मौलाना शौकत अली को भेजा। गौहर जान ने अपने इस शो से 24,000 रुपये जुटाए, जो उस समय एक बड़ी रकम थी। लेकिन जैसा कि गांधी ने अपना वादा पूरा नहीं किया तो गौहर ने भी उसमें से आधा पैसा यानी केवल 12,000 रुपये ही मौलान को दिए। उन्होंने मौलाना से कहा कि अगर वो अपने वादे को पूरा नहीं कर सकते तो मैं भी आधा पैसा ही दूंगी। इस पूरी घटना का जिक्र कथित तौर पर विक्रम संपत की पुस्तक 'माई नेम इज गौहर जान' में लिखी गई है।

13 साल की उम्र में हुआ था बलात्कार

बता दें कि विक्रम संपत की इसी किताब में बताया गया है कि गौहर जान को मुख्य रूप से भारत की पहली करोड़पति गायिका माना जाता है, जिनके पास अपनी निजी ट्रेन थी। हालांकि, इस कामयाबी को पाना उनके लिए आसान और शानदार नहीं था। एक वेश्या की बेटी, वह एक कोठे में पली-बढ़ी और किशोरावस्था से पहले उसका यौन शोषण किया गया था। रिपोर्ट के अनुसार 13 साल की उम्र में उनके साथ बलात्कार किया गया था। उनके साथ लोगों का बर्ताव भी काफी बुरा था। 1930 में 56 वर्ष की आयु में उनकी मृत्यु हो गई।

 

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