क्या सचमुच स्क्रिप्टेड होते हैं बिग बॉस जैसे रियलिटी शोज? एक्टर्स से सुनिए कैमरे के पीछे का सच
- Bigg Boss OTT 3 और Khatron ke Khiladi जैसे रियलिटी शोज में लगातार बढ़ रहा ड्रामा फैंस को यह सोचने पर मजबूर कर देता है कि क्या वाकई जो कुछ हो रहा है वो सच है या फिर स्क्रिप्ट में लिखे डायलॉग।
'बिग बॉस' से लेकर 'कौन बनेगा करोड़पति तक' और 'खतरों के खिलाड़ी' से लेकर 'लॉकअप' तक, रियलिटी शोज में इन दिनों ड्रामा इतना बढ़ता जा रहा है कि बहुत से दर्शकों के जेहन में यह सवाल आता है कि क्या रियलिटी शोज सचमुच रियल होते हैं? या फिर सारा खेल स्क्रिप्ट का है। इस सवाल का सही जवाब वही दे सकता है जो सचमुच रियलिटी शोज या फिर टीवी इंडस्ट्री का हिस्सा रहा हो। चलिए जानते हैं कि कुछ टीवी एक्टर्स से जब पूछा गया कि क्या रियलिटी शोज स्क्रिप्टेड होते हैं तो उन्होंने इस सवाल का क्या जवाब दिया।
क्या स्क्रिप्टेड होते हैं रियलिटी टीवी शो?
कई फिल्मों और टीवी शोज का हिस्सा रह चुके एक्टर तनुज वीरवानी से जब यह सवाल किया गया तो बॉलीवुड बबल के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "यह सवाल मेरा भी था। जब भी मैं रियलिटी शोज देखता था तो मैं भी सोचता था कि यार ऐसे कैसे हो सकता है। लेकिन ऐसा हो सकता है, यह मैं कॉन्फिडेंस के साथ कह सकता हूं। क्योंकि जितना मैं उन शोज का हिस्सा रहा, मैंने देखा कि यार जो भी हो रहा है ना, मेरे सामने हो रहा है। ऐसा नहीं है कि कोई कमरा बंद करके पहले मीटिंग्स हो रही हैं और उसके बाद... तो हां, होता है। फिर चाहे बिग बॉस हो या फिर स्पलिट्सविला हो या शार्क टैंक।"
जान बूझकर भी ड्रामा करते हैं कंटेस्टेंट
जब तनुज वीरवानी से पूछा गया कि क्या ऐसा होता है कि कैमरा बंद होने पर चीजें शांत होती हैं और फिर अचानक से कैमरा चालू होने पर एकदम हंगामा करने लगते हैं? इस पर तनुज ने कहा- 100% होता है, कोई-कोई थोड़ा ज्यादा कर देते हैं। लेकिन उनका समझ में आता है कि वो एक्टिंग कर रहे हैं। क्योंकि जैसे ही कैमरा बंद होता है वो वापस नॉर्मल हो जाते हैं। पांचवें गियर से दूसरे गियर में आ जाते हैं। यही सवाल टीवी एक्टर अली मर्चेंट से किया गया तो उन्होंने कहा कि नहीं टीवी शोज स्क्रिप्टेड नहीं होते हैं।
बर्ताव के हिसाब से बन जाती है पहचान
अली मर्चेंट ने कहा, "यह एक खेल है और आपको समझना पड़ता है कि आपको कैसे खेलना है और आपको खुद को कैसे प्रोजेक्ट करना है। हां, यह सच है कि कहीं ना कहीं एक पहचान बन जाती है आपकी लेकिन धैर्य के साथ खेला जाए तो सब सही रहता है। इसी सवाल का जवाब जब राघव जुयाल से मांगा गया तो उन्होंने कहा कि जितने शोज का वो हिस्सा रहे हैं उनमें उन्होंने नहीं देखा कि चीजें स्क्रिप्टेड रही हों।" यानि इतना तो साफ है कि स्क्रिप्ट भले ना हो लेकिन कुछ खिलाड़ी शो में ड्रामा बढ़ाने के लिए कई बार जान बूझकर चीजें करते हैं।
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