जब स्ट्रगल के दिनों में आत्महत्या के बारे में सोचने लगे थे मिथुन चक्रवर्ती, बोले थे हारना नहीं आता था
- मिथुन चक्रवर्ती ने कड़ी मेहनत से सिनेमा जगत में अपनी एक पहचान बना चुके हैं। उन्हें इस योगदान के लिए दादासाहब फाल्के अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है। कभी उनका वक्त इतना खराब था कि वह जान देने के बारे में सोचने लगे थे।
मिथुन चक्रवर्ती को सिनेमा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए दादा साहब फाल्के अवॉर्ड की घोषणा की गई है। एक वक्त था जब वह जीवन के संघर्षों के आगे हार मानने लगे थे। एक इंटरव्यू के दौरान मिथुन ने बताया था कि उनको आत्महत्या करने के विचार भी आने लगे थे। हालांकि वह वापस भी नहीं जा पा रहे थे। मिथुन खुद को जन्मजात फाइटर मानते हैं। उन्हें हारना गवारा नहीं था।
जिंदगी खत्म करने का आया था खयाल
मिथुन ने भी अपने करियर में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। इंडस्ट्री में 45 साल से ज्यादा वक्त हो चुका है। ईटाइम्स से बातचीत में मिथुन ने बताया था कि वह बीती कहानी नहीं बताना चाहते क्योंकि इससे नए कलाकार हिम्मत हार सकते हैं। उन्होंने बताया था, मेरा संघर्ष बहुत ज्यादा था। मैंने तो आत्महत्या तक के बारे में सोच लिया था। कुछ वजहों से मैं कोलकाता भी नहीं लौट पा रहा था। बुरी परिस्थितियों से लड़े बिना किसी को भी जिंदगी खत्म करने के बारे में नहीं सोचना चाहिए।
मिल चुके हैं कई अवॉर्ड्स
मिथुन बोले थे, 'मैं पैदाइशी फाइटर हूं और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि हारूं कैसे। और देखिए मैं आज कहां हूं।' मिथुन 370 से ज्यादा फिल्में कर चुके हैं। उन्हें 3 नेशनल अवॉर्ड्स सहित कई पुरस्कार मिल चुके हैं।
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