मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से किया जाएगा सम्मानित, जीत चुके हैं 3 नेशनल अवॉर्ड
- मिथुन चक्रवर्ती को 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स समारोह में दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। आशा पारेख, खुशबू सुंदर और विपुल अमृतलाल शाह की जूरी ने उन्हें इस प्रतिष्ठित सम्मान के लिए चुना।
हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गज अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती को दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। इस बात की जानकारी केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट शेयर कर दी है। उन्हें यह अवॉर्ड 8 अक्टूबर 2024 को होने वाले 70वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड सेरेमनी के दौरान दिया जाएगा। पूर्व में दादा साहब पुरस्कार जीत चुकीं आशा पारेख, एक्ट्रेस खुशबू सुंदर और फिल्म प्रोड्यूसर विपुल अमृतलाल शाह की जूरी ने मिथुन चक्रवर्ती को भारतीय सिनेमा के इस सर्वोच्च सम्मान के लिए चुना।
अवॉर्ड परिवार और फैन्स को समर्पित: मिथुन
दूसरी तरफ, मिथुन ने अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किए जाने पर खुशी जताते हुए कहा कि इसे मैं अपने फैन्स को समर्पित करता हूं। उन्होंने कहा कि "मैं सच बोलूं तो मेरे पास कोई शब्द ही नही है। न मैं हंस सकता हूं और न ही खुशी से रो सकता हूं। ये इतनी बड़ी चीज है, कैसे बताऊं। मैं कोलकाता की जिस जगह से आया हूं, फुटपाथ से उठकर यहां तक आया। उस लड़के को इतना बड़ा सम्मान मैं सोच भी नहीं सकता। मैं यह पुरस्कार अपने परिवार और दुनियाभर के अपने फैन्स को समर्पित कर रहा हूं।"
'सम्मान बहुत पहले मिल जाना चाहिए था'
पुणे के फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (FTII) के पूर्व छात्र मिथुन चक्रवर्ती का असली नाम गौरांग चक्रवर्ती है। मिथुन के बेटे नमाशी ने बताया, "मेरे पिता इस सम्मान से बहुत खुश हैं। हम सभी बहुत गर्व महसूस कर रहे हैं। वह कोलकाता में हैं और मैंने अभी उनसे बात की है। वह सेल्फ मेड सुपरस्टार हैं। यह सम्मान उन्हें बहुत पहले ही मिल जाना चाहिए था। इसके बावजूद मुझे गर्व है कि अंततः उन्हें यह सम्मान दिया जा रहा है।"
पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मिथुन को सम्मान के लिए चुने जाने का स्वागत किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, "मुझे खुशी है कि भारतीय सिनेमा में मिथुन चक्रवर्ती के अद्वितीय योगदान को मान्यता देते हुए प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वह एक सांस्कृतिक प्रतीक हैं, जो अपने बहुमुखी प्रदर्शन के लिए पीढ़ियों से प्रशंसित हैं। उन्हें बधाई और शुभकामनाएं।"
‘घोषणा करते हुए गर्व हो रहा है’
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मिथुन को सम्मान देने की घोषणा करते हुए लिखा, “मिथुन दा की उल्लेखनीय सिनेमैटिक जर्नी कई पीढ़ियों को प्रेरणा देती है। यह अनाउंस करते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि दादा साहब फाल्के सिलेक्शन जूरी ने फैसला लिया है कि लेजंडरी एक्टर मिथुन चक्रबर्ती जी को भारतीय सिनेमा में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया जाएगा।”
पहली फिल्म के लिए मिला था नेशनल अवॉर्ड
मिथुन ने अपने 48 साल के करियर में बंगाली, हिंदी, तमिल, तेलुगू, कन्नड़, ओडिया और भोजपुरी भाषाओं की 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया और तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार सम्मान से नवाजे गए। 16 जून 1950 को जन्मे मिथुन ने 1976 में मृणाल सेन की फिल्म ‘मृगया’ से करियर शुरू किया, जिसके लिए उन्हें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी पहचान 1980 और 90 के दशक में ऐक्शन और डांस बेस्ड फिल्मों से बनी।
डिस्को डांसर से मिली देशभर में पहचान
सुपरहिट फिल्म डिस्को डांसर (1982) ने उन्हें देशभर में पहचान दिलाई। इसके अलावा सुरक्षा (1979), वारदात (1981), प्यार झुकता नहीं (1985), अग्निपथ (1990), गुंडा (1998) और हाल में आई 'द ताशकंद फाइल्स' (2019) में भी उनकी भूमिका काफी सराही गई। उन्हें दूसरा नेशनल अवॉर्ड 1993 की फिल्म ‘तहादेर कथा’ के लिए, जबकि तीसरा नेशनल अवॉर्ड 1996 में आई ‘स्वामी विवेकानंद’ के लिए मिला था। अप्रैल 2024 में उन्हें पद्म भूषण अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। वह फिल्मों में ही नहीं बल्कि टीवी शोज और राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं।
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